
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्टार्टअप e-Vidyut ने महाराष्ट्र में अपने थ्री-व्हीलर रेट्रोफिटमेंट तकनीक की व्यावसायिक शुरुआत कर दी है। कंपनी को दो-स्ट्रोक और चार-स्ट्रोक दोनों प्रकार के ऑटो रिक्शा कन्वर्ज़न के लिए ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) से प्रमाणन प्राप्त है।
कंपनी ने अपने लॉन्च के पहले ही दिन 30 ऑटो रिक्शा पंजीकरण दर्ज किए, जो बाजार में रेट्रोफिट समाधान की मजबूत मांग को दर्शाता है। ई-विद्युत (e-Vidyut) देश की केवल दो कंपनियों में से एक है जिसे थ्री-व्हीलर रेट्रोफिटमेंट के लिए एआरएआई (ARAI) प्रमाणन मिला है और यह अकेली कंपनी है जिसे दोनों इंजन प्रकारों के लिए मंजूरी मिली है।
ई-विद्युत का इलेक्ट्रोमोशन रेट्रोकिट पेट्रोल या सीएनजी (CNG) ऑटो रिक्शा को इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने की सुविधा देता है, जिससे नई इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने के बजाय कम लागत पर परिवर्तन संभव हो जाता है। यह किट एक बार चार्ज में 132 किमी की प्रमाणित रेंज देती है और ईंधन खर्च में 70% तक की बचत कराती है। इसके अलावा, प्रत्येक वाहन से सालाना लगभग 1.5 टन CO₂ उत्सर्जन में कमी होगी।
कंपनी के सह-संस्थापक और सीटीओ सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र लॉन्च उनकी विस्तार योजना का पहला चरण है और आने वाले दो वर्षों में कम से कम 50,000 ऑटो रिक्शा को इलेक्ट्रिक में बदलने का लक्ष्य रखा गया है।
पोंटक (Pontaq) की जनरल पार्टनर लोपा मिश्रा ने इस पहल को शहरी परिवहन में बड़ा बदलाव बताते हुए कहा कि यह वित्तीय समावेशन, पर्यावरणीय स्थिरता और राष्ट्रीय ईवी लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी।
ई-विद्युत (e-Vidyut) जल्द ही दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और गुजरात सहित छह राज्यों में विस्तार करेगी। कंपनी का उद्देश्य देशभर में एक रेट्रोफिटिंग मूवमेंट तैयार करना है, जिससे ड्राइवरों की आजीविका और पर्यावरण दोनों को लाभ होगा।
सरकारी नीतियों और प्रोत्साहनों के बीच e-Vidyut की यह पहल भारत के इलेक्ट्रिक वाहन मिशन को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।