
जवाहरलाल नेहरू पोर्ट प्राधिकरण (JNPA) ने देश का पहला इलेक्ट्रिक हेवी ट्रक बेड़ा लॉन्च किया, जो स्वैपेबल बैटरी तकनीक से लैस है। न्हावा शेवा डिस्ट्रीब्यूशन टर्मिनल से केंद्रीय पोर्ट, शिपिंग और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 50 ट्रकों के इस बेड़े को हरी झंडी दिखाई। इसके साथ ही जेएनपीए भारतीय बंदरगाहों में सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक ट्रक ऑपरेटर बन गया है।
कार्यक्रम में पोर्ट, शिपिंग एवं जलमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव आर. लक्ष्मणन और जेएनपीए के चेयरपर्सन उमेश शरद वाघ भी मौजूद रहे। पोर्ट प्राधिकरण ने घोषणा की कि वर्ष के अंत तक बेड़े में ट्रकों की संख्या 80 कर दी जाएगी और दिसंबर 2026 तक लगभग 600 ट्रकों (90%) को इलेक्ट्रिक में बदलने का लक्ष्य रखा गया है। इसी अवसर पर एक समर्पित हेवी-ड्यूटी बैटरी स्वैपिंग स्टेशन का भी उद्घाटन किया गया।
इस पहल को भारत की नेट-जीरो 2070 प्रतिबद्धता और राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना के अनुरूप बताया गया। सोनोवाल ने कहा, “आज जब जेएनपीए अपने लॉजिस्टिक वाहनों के विद्युतीकरण की दिशा में निर्णायक कदम उठा रहा है, तो यह संदेश जाता है कि भारतीय बंदरगाह भविष्य को अपनाने और स्थिरता, दक्षता और नवाचार के नए मानक तय करने के लिए तैयार हैं।”
इस अवसर पर जेएनपीए ने अशोका यूनिवर्सिटी, दिल्ली के आइजैक सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर भी किए। इसका उद्देश्य बंदरगाह प्राधिकरणों के लिए एक रेफरेंस फ्रेमवर्क तैयार करना है, ताकि विभिन्न कार्गो प्रकारों के लिए लागत और पोर्ट बेंचमार्किंग के आधार पर टैरिफ तय किया जा सके।
चेयरपर्सन वाघ ने इसे “बंदरगाह संचालन के लिए एक स्वच्छ, हरित और अधिक लचीले भविष्य की ओर महत्वपूर्ण छलांग” बताया। इलेक्ट्रिक ट्रक तैनाती से बंदरगाह क्षेत्र में उत्सर्जन, प्रदूषण और शोर स्तर कम होंगे और यह देश के अन्य प्रमुख व गैर-प्रमुख बंदरगाहों के लिए एक मानक स्थापित करेगा।
यह कदम सरकार की मैरिटाइम इंडिया विजन 2030 और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के लक्ष्यों के अनुरूप है। हाल ही में विश्व बैंक की कंटेनर पोर्ट परफॉर्मेंस इंडेक्स में जेएनपीए दुनिया के शीर्ष 25 बंदरगाहों में शामिल हुआ था और कंटेनर संचालन में नए रिकॉर्ड बनाए हैं। प्राधिकरण विशेष आर्थिक क्षेत्र, डिजिटलीकरण और हरित ऊर्जा परियोजनाओं पर भी तेजी से कार्य कर रहा है।