
मुरुगप्पा ग्रुप की क्लीन मोबिलिटी डिविजन मोन्ट्रा इलेक्ट्रिक HCV (IPL Tech) ने हरियाणा के मानेसर में अपने नए इलेक्ट्रिक हेवी कमर्शियल व्हीकल (HCV) मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का उद्घाटन किया है। यह प्लांट भारत के इलेक्ट्रिक व्हीकल इंफ्रास्ट्रक्चर और सस्टेनेबल लॉजिस्टिक्स समाधानों में एक महत्वपूर्ण निवेश है।
यह प्लांट 255,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला है और यह 150,000 वर्ग फुट का निर्मित क्षेत्र रखता है। यहां सालाना 6,000 इलेक्ट्रिक ट्रकों का उत्पादन दो शिफ्टों में किया जा सकेगा, जिसे अतिरिक्त शिफ्ट जोड़कर 7,500 यूनिट तक बढ़ाया जा सकता है।
इस प्लांट की सबसे खास बात भारत की पहली ऑल-विमेन, फुली ऑटोमेटेड बैटरी प्रोडक्शन यूनिट है, जो ईवी सेक्टर में लैंगिक समावेशिता की दिशा में कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सुविधा में 60% रोबोटिक्स इंटीग्रेशन है और यह इंडस्ट्री 4.0 डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग प्रथाओं का पालन करती है।
प्लांट में बैटरी पैक असेंबली क्षमता 1.7 GWh है और इसमें ब्रेक, व्हील और लाइटिंग कॉम्पोनेंट्स की टेस्टिंग, बैटरी पैक साइक्लर्स और इलेक्ट्रिकल-इलेक्ट्रॉनिक्स लैब जैसी अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाएं मौजूद हैं। साथ ही रिसर्च और डेवलपमेंट यूनिट भी स्थापित की गई है।
कंपनी 74% कंपोनेंट्स को स्थानीय स्तर पर सोर्स करने की रणनीति अपना रही है (बैटरी सेल्स को छोड़कर)। यहां Rhino EV सीरीज समेत कई नए मॉडल तैयार किए जाएंगे।
सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान देते हुए प्लांट में बैटरी रीसाइक्लिंग प्रोग्राम, वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम और ऑन-साइट चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। आगे चलकर यहां नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को भी जोड़ा जाएगा। इसके अलावा कंपनी स्थानीय स्किल डेवलपमेंट और पर्यावरणीय परियोजनाओं पर भी काम करेगी।
मोन्ट्रा इलेक्ट्रिक HCV के चीफ बिजनेस ऑफिसर पी.वी. सत्यनारायण ने कहा कि मानेसर सुविधा भारत के सस्टेनेबल लॉजिस्टिक्स ट्रांजिशन में एक डिफाइनिंग स्टेप है, जिसमें स्केल, फ्लेक्सिबिलिटी और क्वालिटी मैन्युफैक्चरिंग का अनोखा संगम है।
कंपनी PM E-Drive Scheme के तहत लाभ के लिए आवेदन करेगी और राज्य स्तर की अन्य प्रोत्साहन योजनाओं की भी तलाश करेगी।
125 साल पुराने मुरुगप्पा ग्रुप का हिस्सा मोन्ट्रा इलेक्ट्रिक, कृषि, इंजीनियरिंग और वित्तीय सेवाओं सहित कई क्षेत्रों में सक्रिय है। समूह का सालाना राजस्व 902 अरब रुपये है और यह 94,000 से अधिक लोगों को रोजगार देता है।
भारत में तेजी से बढ़ते ईवी इकोसिस्टम और खासतौर पर कमर्शियल व्हीकल इलेक्ट्रिफिकेशन के प्रयासों के बीच मानेसर में यह नई सुविधा एक अहम कदम साबित होगी।