
इलेक्ट्रिक कार की हाई-वोल्टेज (HV) तकनीक को टू-व्हीलर्स में लाने वाली स्टार्टअप कंपनी रैप्टी.एचवी को टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड (TDB), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार से फंडिंग मिली है। इस उपलब्धि के साथ, रैप्टी.एचवी (Raptee.HV) देश की पहली इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल ओईएम (OEM) बन गई है, जिसे टीडीबी का वित्तीय सहयोग प्राप्त हुआ है।
कंपनी इस नई फंडिंग से अपनी प्रोप्राइटरी हाई-वोल्टेज तकनीक को और मजबूत करेगी और 1 बिलियन डॉलर के परफॉर्मेंस इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल बाजार में अपनी पकड़ बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगी।
रैप्टी.एचवी के सीईओ और सह-संस्थापक दिनेश अर्जुन ने कहा, “टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड का यह सहयोग हमारी परफॉर्मेंस इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को नए सिरे से परिभाषित करने की दिशा में एक बड़ा सपोर्ट है। हमने बिना किसी मौजूदा इकोसिस्टम के हाई-वोल्टेज मोटरसाइकिल आर्किटेक्चर को खुद खड़ा किया है। इससे पहले हमें एआरएआई-एएमटीआईएफ (ARAI-AMTIF) और भारी उद्योग मंत्रालय से भी ग्रांट मिला था। सरकार का यह भरोसा हमें और मजबूत बनाता है।”
रैप्टी.एचवी को वर्ष 2021 3.25 करोड़ रुपये का नॉन-डायल्यूटिव ग्रांट एआरएआई-एएमटीआईएफ से मिला था। अब टीडीबी से सहयोग मिलने के बाद कंपनी उन ऐतिहासिक भारतीय इनोवेशन की श्रेणी में शामिल हो गई है जिन्हें पहले टीडीबी का सपोर्ट मिला था, जैसे टाटा इंडिका और भारत बायोटेक की कोविड-19 वैक्सीन। यह टीडीबी का पहला निवेश इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल क्षेत्र में है, जो अगली पीढ़ी की मोबिलिटी तकनीकों को बढ़ावा देने का संकेत है।
कई ईवी कंपनियों के विपरीत, रैप्टी.एचवी ने पिछले छह वर्षों में अपनी तकनीक को जमीन से खड़ा किया है। यह भारत की एकमात्र ईवी मोटरसाइकिल कंपनी है जो प्रमाणित हाई-वोल्टेज कार तकनीक से चलने वाली बाइक पेश कर रही है। इन मोटरसाइकिलों में कार स्तर का परफॉर्मेंस, विश्वसनीयता और चार्जिंग सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
भारत में मोटरसाइकिलें कुल टू-व्हीलर बाजार का करीब दो-तिहाई हिस्सा हैं। ऐसे में उनकी इलेक्ट्रिफिकेशन 2030 तक भारत के 30% ईवी लक्ष्य को हासिल करने के लिए बेहद अहम है। रैप्टी.HV का मानना है कि असली मोटरसाइकिल इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए नई छलांग वाली तकनीक चाहिए, न कि पुराने प्लेटफॉर्म पर छोटे-छोटे सुधार।