
भारत की सबसे बड़ी इंटरसिटी इलेक्ट्रिक बस सेवा न्यूगो (NueGo) ने अब तक 3,000 से अधिक कोच कैप्टन और 400 कोच होस्ट को अपने विशेष इलेक्ट्रिक वाहन प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित किया है। यह पहल ग्रीनसेल मोबिलिटी की इंटरसिटी ई-बस ब्रांड न्यूगो द्वारा शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ते बदलाव के लिए आवश्यक कौशल विकास को बढ़ावा देना है।
न्यूगो फिलहाल देश भर में 300 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें संचालित करती है, जो 100 से अधिक शहरों को आपस में जोड़ती हैं। प्रत्येक बस 250 किलोमीटर से अधिक की दूरी एक बार चार्ज पर तय कर सकती है और संचालन से पहले इसमें 25 सुरक्षा निरीक्षण किए जाते हैं, जो यांत्रिक और इलेक्ट्रिकल दोनों प्रणालियों को कवर करते हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम एक सप्ताह का होता है और इसमें क्लासरूम लर्निंग, सिम्युलेटर पर अभ्यास, और प्रैक्टिकल ड्राइविंग अनुभव शामिल होता है। कुल 11 मॉड्यूल में से 8 मॉड्यूल डिफेंसिव ड्राइविंग पर और 3 मॉड्यूल ग्राहक अनुभव व वाहन परिचय पर केंद्रित हैं।
प्रशिक्षण में ई-बसों से संबंधित तकनीकी पहलुओं जैसे रीजनरेटिव ब्रेकिंग, बैटरी दक्षता से ड्राइविंग, और चार्जिंग प्रोटोकॉल को शामिल किया गया है। हाई-वोल्टेज सिस्टम की सुरक्षा, साथ ही ग्राहक सेवा कौशल, प्रशिक्षण का प्रमुख हिस्सा हैं, ताकि यात्रियों को बेहतर अनुभव मिल सके।
ये प्रशिक्षण कार्यक्रम दिल्ली, इंदौर, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई स्थित न्यूगो डिपो में संचालित होते हैं, जहां इन-हाउस विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। कंपनी हर तीन महीने में रिफ्रेशर ट्रेनिंग अनिवार्य करती है, जिसमें ब्लाइंड स्पॉट अवेयरनेस, रिवर्सिंग, और पार्किंग तकनीकों का मूल्यांकन किया जाता है।
न्यूगो की मूल कंपनी ग्रीनसेल मोबिलिटी को भारत की अग्रणी क्लाइमेट इन्वेस्टमेंट फर्म एवर्सोर्स कैपिटल द्वारा स्थापित किया गया है। कंपनी खुद को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी-एज़-ए-सर्विस प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित कर रही है, जिसमें साझा परिवहन, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और संबंधित उत्पादों पर फोकस है।
न्यूगो की यह ट्रेनिंग पहल न सिर्फ तकनीकी कौशल को विकसित करती है, बल्कि इंटरसिटी इलेक्ट्रिक बस सेवा में सुरक्षा, समयबद्धता और ग्राहक अनुभव जैसे मानकों को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाती है।