
मुंबई में टेस्ला के पहले एक्सपीरियंस सेंटर के उद्घाटन के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ऐलान किया कि राज्य जल्द ही भारत का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहन (EV) मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा।
दुनिया की प्रमुख ईवी निर्माता कंपनी टेस्ला ने आधिकारिक रूप से भारत में कदम रखते हुए मुंबई में अपना पहला एक्सपीरियंस सेंटर शुरू किया है, जो डिलीवरी हब, लॉजिस्टिक्स यूनिट और सर्विस सेंटर के रूप में भी काम करेगा।
मुंबई में एक उद्योगिक कार्यक्रम में फडणवीस ने कहा, “महाराष्ट्र ईवी निवेश को आकर्षित करने में अग्रणी है और राज्य एक सशक्त ईवी ईकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है। मुंबई में चार बड़े चार्जिंग हब और 32 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। जल्द ही दो अन्य शहरों में भी सेवाएं शुरू होंगी।”
वर्तमान आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र इलेक्ट्रिक वाहन बिक्री में देश में सबसे आगे है। वित्त वर्ष 2025 में राज्य में 2,46,221 ईवी बिके, जो 16% की वृद्धि दर्शाते हैं। इसमें 2,11,880 इलेक्ट्रिक दोपहिया, 17,133 इलेक्ट्रिक कार और SUV और 2,104 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं।
मई 2025 में राज्य सरकार ने EV नीति 2025 लागू की, जिसमें ईवी अपनाने को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन और आधारभूत ढांचे को मजबूती दी गई है। नीति के तहत परिवहन और व्यावसायिक EV पर ₹2 लाख तक और इलेक्ट्रिक बसों पर ₹20 लाख तक की सब्सिडी दी जाएगी। कुल 25,000 चार-पहिया और 1,500 बसों के लिए लाभ उपलब्ध होगा।
नीति के अंतर्गत महाराष्ट्र में रजिस्टर होने वाले ईवी पर रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस नहीं लगेगी। राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर हर 25 किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन अनिवार्य किया गया है। साथ ही सभी सरकारी पार्किंगों में ईवी चार्जिंग सुविधा अनिवार्य होगी। नए आवासीय भवनों में सामुदायिक चार्जिंग प्वाइंट और व्यावसायिक इमारतों में 50% पार्किंग EV के लिए आरक्षित होगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य बैटरी निर्माण, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और R&D सेंटर को मिलाकर एक पूर्ण EV इकोसिस्टम तैयार कर रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में नए वाहन पंजीकरण में कम से कम 10% EV हों।
टाटा मोटर्स, महिंद्रा इलेक्ट्रिक और ओला इलेक्ट्रिक जैसे प्रमुख निर्माता कंपनियों ने महाराष्ट्र में अपने प्लांट स्थापित किए हैं या निवेश की घोषणा की है। महिंद्रा एंड महिंद्रा का चाकन स्थित प्लांट 2027-2029 के बीच 2 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की वार्षिक उत्पादन क्षमता हासिल करेगा।
मुंबई और जेएनपीटी जैसे प्रमुख बंदरगाहों के कारण राज्य को रणनीतिक बढ़त मिली है। पुणे, औरंगाबाद और नासिक जैसे शहर EV निर्माण के केंद्र के रूप में उभर रहे हैं।
दिसंबर 2024 तक महाराष्ट्र में 3,728 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन थे, जो कर्नाटक (5,765) के बाद दूसरे स्थान पर है। भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक 30% नए वाहन इलेक्ट्रिक हों, जिसे FAME जैसी सरकारी योजनाओं से बल मिल रहा है।