
केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कॉरपोरेट्स और फ्लीट ऑपरेटरों से अपील की कि वे इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की चार्जिंग के लिए सौर ऊर्जा जैसी नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि इससे न केवल तेल आयात पर निर्भरता कम होगी बल्कि उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
दिल्ली में रेफेक्स मोबिलिटी के फ्लीट लॉन्च कार्यक्रम में जोशी ने कहा, “हमारा विज़न साफ है—भारत में हर इलेक्ट्रिक वाहन स्वच्छ ऊर्जा से ही चले। चार्जिंग-रीचार्जिंग पूरी तरह नवीकरणीय ऊर्जा से होनी चाहिए।”
उन्होंने जानकारी दी कि भारत की कुल 495 गीगावाट स्थापित बिजली क्षमता में से लगभग 50% यानी 253 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा से आ रही है।
जोशी ने कहा कि ईवी की असली क्षमता तभी खुलेगी जब वे सौर ऊर्जा से संचालित हों। साथ ही उन्होंने बताया कि मंत्रालय भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) के माध्यम से ईवी इकोसिस्टम को मजबूत कर रहा है। आईआरईडीए (IREDA) ने ईवी मालिकों और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने वालों को परियोजना लागत का 80% तक वित्तीय सहयोग देने की योजना बनाई है।
इसके अलावा, मंत्री ने ग्रीन हाइड्रोजन पर भी सरकार के ध्यान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत हम स्वच्छ परिवहन का नया अध्याय लिख रहे हैं। अब तक परिवहन क्षेत्र में पांच पायलट प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी जा चुकी है, जिनमें 37 हाइड्रोजन चालित वाहन और नौ नए हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग स्टेशन शामिल हैं।”