
मर्सिडीज-बेंज रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंडिया (MBRDI) और द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) ने गुरुवार को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर ऑपरेटरों के लिए एक व्यापक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम लॉन्च किया। यह पहल दोनों संस्थानों के संयुक्त श्वेतपत्र “EV Charging in India: Ecosystem Perspectives and Skilling Opportunities” में पहचानी गई स्किल गैप्स को पूरा करने के लिए की गई है।
इस अध्ययन में 150 विशेषज्ञों से परामर्श के बाद सामने आया कि चार्ज प्वाइंट ऑपरेटरों (CPOs) की स्किलिंग में सबसे बड़ी चुनौतियाँ हैं—हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग की कमी, गैर-मानकीकृत मॉड्यूल और योग्य प्रशिक्षकों की कमी। शोध के अनुसार, लगभग 50% कौशल आवश्यकताएँ इंस्टॉलेशन और टेस्टिंग से जुड़ी हैं, जिसमें आईओटी-सक्षम डिजिटल एप्लिकेशन भी शामिल हैं।
इसी क्रम में मर्सिडीज-बेंज के Sustainability Garage के तहत ‘Future-In-Charge’ प्रोग्राम लॉन्च किया गया है। यह कोर्स राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (NCVET) द्वारा अनुमोदित है और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा समर्थित है। पहला पायलट बैच 60 प्रशिक्षुओं के साथ टेरी के ग्वाल पहाड़ी कैंपस में शुरू हो चुका है।
एमबीआरडीआई के एमडी और सीईओ मनु साले ने कहा, “सस्टेनेबिलिटी केवल तकनीक तक सीमित नहीं है, यह लोगों से जुड़ी है। ‘फ्यूचर-इन-चार्ज’ के माध्यम से हम न केवल स्किल गैप भर रहे हैं, बल्कि ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर में व्यवस्थित बदलाव को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं।”
टेरी की डीजी डॉ. विभा धवन ने कहा, “भारत स्वच्छ मोबिलिटी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इस बदलाव के लिए ईवी चार्जिंग क्षेत्र में कुशल कार्यबल तैयार करना बेहद जरूरी है। यह पहल उद्योग की जरूरतों और युवाओं की प्रतिभा को जोड़ने का कदम है।”
आने वाले समय में यह कार्यक्रम भारत के विभिन्न हिस्सों में चार्ज प्वाइंट ऑपरेटरों, शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग भागीदारों के सहयोग से विस्तारित किया जाएगा।