
Entrepreneur India EV 2025 सम्मेलन 27-28 जून को चेन्नई में आयोजित हुआ, जहां उद्योग जगत के लीडर्स, सरकारी अधिकारी, निवेशक और स्टार्टअप्स एक मंच पर आए। दो दिन चले इस कार्यक्रम में भारत के इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) भविष्य पर चर्चा हुई और कई नए आइडिया व योजनाएं सामने आईं।
पहले दिन: चार्जिंग, इनोवेशन और नीतियों पर ध्यान दिया गया
सम्मेलन की शुरुआत Franchise India की CEO अशिता मार्या के उत्साहजनक संदेश से हुई: “भारत की EV यात्रा अब केवल सफर नहीं, बदलाव की लहर है। यह समय बातों से आगे जाकर एक्शन का है।”
ऑपन एनर्जी (Open Energy) के CEO टिन हांग लियू ने अपने कीनोट में बताया कि अल्ट्रा-फास्ट चार्जिंग भारत में EV अपनाने की रफ्तार को तेज करने में मदद करेगा।
एक महत्वपूर्ण पैनल चर्चा में DST की सलाहकार डॉ. अनीता गुप्ता और IIT मद्रास के प्रोफेसर डॉ. अशोक झुनझुनवाला ने कहा: "सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, उसे हर गांव-शहर तक पहुंचाना असली चुनौती है। EV को सही मायने में ग्रीन तभी कहेंगे जब वह ग्रीन एनर्जी से चले।"
Frost & Sullivan की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत 2030 तक सालाना 7 लाख EV बिक्री के आंकड़े को पार कर सकता है। लेकिन इसके लिए स्थानीय सप्लाई चेन और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना होगा।
दूसरे दिन: फंडिंग, बैटरी इनोवेशन और सहयोग पर ध्यान दिया गया
स्विच मोबिलिटी के सीईओ महेश बाबू ने कहा:“भारत EV बदलाव को सिर्फ अपना नहीं रहा, बल्कि उसे लीड कर रहा है। अब वक्त है मिलकर कदम बढ़ाने का।”
एक अहम पैनल "ईवी फंडिंग का भविष्य" में Vasudha Madhavan, Akanksha Sharma और Nehal Gupta जैसे विशेषज्ञों ने कहा:“अब वक्त है सिर्फ डॉक्युमेंट नहीं, इरादों को फंड करने का। विश्वास और पहुंच को मजबूत करना जरूरी है।”
बैटरी इनोवेशन पर चर्चा में Boson Cell के CEO गुरु पंघवन ने बताया:“हम अब भारत में ऐसी बैटरियां बना रहे हैं जो चीन की तुलना में भी सस्ती और बेहतर हो सकती हैं।”
दोनों दिन के सत्रों ने यह साफ कर दिया कि भारत अब ईवी में सिर्फ बातें नहीं कर रहा, बल्कि तेज़ी से एक्शन में है। टेक्नोलॉजी, नीति और निवेश की साझेदारी से देश का EV भविष्य मजबूत हो रहा है।
Entrepreneur India EV 2025 सिर्फ एक इवेंट नहीं, बल्कि भारत की स्थायी और स्वच्छ मोबिलिटी की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुआ।