
इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (IET) अब ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहनों पर केंद्रित दो अत्याधुनिक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का केंद्र बन चुका है। संस्थान ने सौर और पवन ऊर्जा का उपयोग करके ऑन-साइट ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन प्रणाली सफलतापूर्वक स्थापित की है, साथ ही ऑल-टेरेन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी निर्माण की सुविधा भी विकसित की गई है।
संस्थान वर्तमान में 4 किलोवॉट बिजली सौर और पवन ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न करता है, जो ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन प्रक्रिया को शक्ति प्रदान करता है।
इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (IET) के निदेशक प्रो. विनीता कंसल ने बताया, "हमने स्मार्ट रिन्यूएबल एनर्जी (RE) बेस्ड एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम और ग्रीन हाइड्रोजन सेंटर की स्थापना की है, जो मल्टीपल रिन्यूएबल एनर्जी सोर्सेज और एडवांस ग्रीन हाइड्रोजन तकनीक से जुड़ी स्मार्ट ग्रिड की वास्तविक समय की कार्यप्रणाली को प्रदर्शित करता है।"
दोनों सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की देखरेख कर रहे प्रो. अरुण कुमार तिवारी ने कहा, "यह सिस्टम छात्रों, शोधकर्ताओं और ऊर्जा विशेषज्ञों के लिए एक व्यवहारिक प्लेटफॉर्म है, जहां वे सुरक्षित और नियंत्रित वातावरण में रिन्यूएबल एनर्जी इंटीग्रेशन, हाइड्रोजन एनर्जी साइकिल और स्मार्ट ग्रिड ऑपरेशंस का अध्ययन कर सकते हैं।"
इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (IET) की एक और प्रमुख पहल है इलेक्ट्रिक व्हीकल लैब, जो एक मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म है और छात्रों को बैटरी डायनामिक्स से लेकर प्रोपल्शन और चार्जिंग सिस्टम तक की गहन ट्रेनिंग और रिसर्च की सुविधा देता है। यह पहल इंजीनियरिंग के छात्रों को हरित ऊर्जा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।