
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत के लिए एक व्यापक मोबिलिटी ट्रांसफॉर्मेशन योजना की घोषणा की है, जिसमें 360 स्थानों पर रोपवे, केबल कार, फ्यूनिकुलर रेलवे, हाइपरलूप सिस्टम और इलेक्ट्रिक रैपिड ट्रांसपोर्ट शामिल हैं।
अब तक 60 प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू हो चुका है, जिनकी लागत 200 करोड़ से 5,000 करोड़ रुपये तक है। 25,000 किमी टू-लेन हाईवे को फोर-लेन में बदला जाएगा और रोड कंस्ट्रक्शन को 100 किमी प्रतिदिन तक स्केल किया जाएगा। दिल्ली-बेंगलुरु जैसे शहरों में मेट्रिनो पॉड टैक्सी और पिलर-बेस्ड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के पायलट प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित हैं।
नागपुर में 135-सीटर इलेक्ट्रिक बस का पायलट लॉन्च होगा, जो 120-125 किमी/घंटा की रफ्तार से चलेगी और 30-40 मिनट में चार्ज होगी। टाटा, टोयोटा, हुंडई और महिंद्रा समेत 11 कंपनियां फ्लेक्स-फ्यूल इंजन गाड़ियां बनाएंगी जो इथेनॉल, बायोफ्यूल और पेट्रोल से चलेंगी।
सड़क मंत्रालय अब रोपवे और वैकल्पिक परिवहन तकनीकों का नोडल निकाय बन चुका है। 670 नेशनल हाईवे साइट्स पर रोडसाइड सुविधाएं, AI-बेस्ड रोड सेफ्टी सिस्टम और 25 करोड़ पेड़ लगाने की योजना भी लागू होगी। गडकरी ने भरोसा जताया कि अगले एक साल में भारत की सड़कों की क्वालिटी अमेरिका के बराबर होगी।