
युमा एनर्जी ने बैटरी-एज़-ए-सर्विस (BaaS) मॉडल में बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए अब तक 3.5 करोड़ से अधिक बैटरी स्वैप पूरे कर लिए हैं। कंपनी ने देशभर के 17 शहरों में 400 लोकेशनों पर 2,000 से ज्यादा बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित कर लिए हैं। फरवरी 2023 में लॉन्च के बाद से यह 20 गुना विस्तार है।
कंपनी का इंफ्रास्ट्रक्चर दोपहिया, तिपहिया और लास्ट-माइल डिलीवरी वाहनों के लिए बैटरी स्वैपिंग सुविधा देता है, जिससे उपयोगकर्ताओं को मिनटों में बैटरी बदलने का विकल्प मिलता है। यह मॉडल ईवी अपनाने में आने वाली प्रमुख बाधाओं जैसे– ऊँची शुरुआती लागत, चार्जिंग समय और रेंज की समस्या को दूर करने में मदद करता है।
युमा एनर्जी के जनरल मैनेजर और मैनेजिंग डायरेक्टर मुथु सुब्रमणियन ने कहा, “यह वृद्धि इस बात का संकेत है कि शहरी गतिशीलता समाधान के रूप में बैटरी स्वैपिंग को तेजी से स्वीकार किया जा रहा है। हम देख रहे हैं कि व्यक्तिगत उपभोक्ता और फ्लीट ऑपरेटर्स, दोनों ही, इसकी दक्षता और विश्वसनीयता को महत्व दे रहे हैं।”
कंपनी अब अपने मौजूदा बाजारों में संचालन को मजबूत करने के साथ नए शहरों में विस्तार की योजना बना रही है। युमा एनर्जी का विकास भारत के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और कार्बन उत्सर्जन कम करने के राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप है।
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में बैटरी स्वैपिंग खासकर दोपहिया, तिपहिया और डिलीवरी वाहनों के लिए एक उभरता समाधान है। सरकार भी फेम (FAME) योजना और ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) द्वारा जारी मानकों के जरिए इस इकोसिस्टम को बढ़ावा दे रही है। हालांकि, अभी यह मॉडल मुख्यतः महानगरों तक ही सीमित है और मानकीकरण व लंबी अवधि की आर्थिक व्यवहार्यता जैसी चुनौतियां मौजूद हैं।
फिर भी, विशेषज्ञ मानते हैं कि फ्लीट ऑपरेटर्स और शहरी परिवहन के लिए बैटरी स्वैपिंग चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का पूरक बनकर ईवी अपनाने की रफ्तार को तेज कर सकती है।