
इलेक्ट्रिक वाहन स्टार्टअप आईगो (iGo) ने 12 अगस्त को पुणे की सन इलेक्ट्रो डिवाइसेज(Sun Electro Devices) के साथ साझेदारी का ऐलान किया है। यह कदम ईवी उद्योग के उस ट्रेंड से अलग है, जिसमें कंपनियां इन-हाउस प्रोडक्शन फैसिलिटी बनाने पर जोर देती हैं। इस साझेदारी के तहत आईगो के इलेक्ट्रिक 2.5-व्हीलर वाहनों के उत्पादन को स्केल करने पर ध्यान दिया जाएगा।
दोनों कंपनियां अगले सात महीनों में हर महीने 1,000 वाहन बनाने का लक्ष्य रखती हैं। शुरुआत में इन्हें पुणे, पणजी और मुंबई में लॉन्च किया जाएगा। आईगो का यह कदम उन ईवी कंपनियों से अलग है, जो सरकारी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) जैसी योजनाओं के तहत वर्टिकल इंटीग्रेशन मॉडल अपनाती हैं।
आईगो के सीईओ श्रीवन कुमार अप्पाना ने कहा, "हार्डवेयर में नई तकनीक बनाना बेहद मुश्किल है। एक पसंदीदा प्रोडक्ट तैयार करना आसान नहीं, उसे सर्टिफाई कराना भी बड़ी चुनौती है और अंत में मैन्युफैक्चरिंग तक लाना एक बिल्कुल अलग जंग है। कई स्टार्टअप्स बेहतरीन प्रोडक्ट के बावजूद इस आखिरी पड़ाव पर अटक जाते हैं। यह साझेदारी हमारे लिए इस समस्या का हल है।"
पुणे के चाकन स्थित सन इलेक्ट्रो डिवाइसेज के पास 30,000 वर्गफुट का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है और ऑटोमोटिव प्रोडक्शन व ओईएम मैन्युफैक्चरिंग में अनुभव है। उनके पास मजबूत सप्लायर नेटवर्क और प्रोडक्शन क्षमताएं हैं।
आईगो के 2.5-व्हीलर वाहन पारंपरिक स्कूटर और इलेक्ट्रिक रिक्शा के बीच की कैटेगरी में आते हैं, जिनमें एंटी-टॉपल स्टेबलाइजेशन तकनीक, सेल्फ-बैलेंसिंग क्षमता और ट्रिपल-डिस्क कंबाइंड ब्रेकिंग सिस्टम जैसी खूबियां हैं। इन्हें शहरी परिवहन की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
आईगो, जो iGowise Mobility के तहत काम करता है, शहरी और ग्रामीण बाजारों के लिए इलेक्ट्रिक प्लेटफॉर्म पर ध्यान देता है। नई साझेदारी के जरिए कंपनी मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग कर उत्पादन बढ़ाने की रणनीति अपना रही है, बजाय खुद से नई फैक्ट्री बनाने के।