
दिल्ली सरकार ने अपनी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति को मार्च 2026 तक या नई नीति के अधिसूचित होने तक के लिए बढ़ा दिया है। यह फैसला मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में दिल्ली सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।
अधिकारियों के अनुसार, इस विस्तार से परिवहन विभाग को हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श करने और मौजूदा चुनौतियों व भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नई नीति तैयार करने का समय मिलेगा।
दिल्ली के परिवहन मंत्री पंकज कुमार सिंह ने कहा कि "हम चाहते हैं कि दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों के अगले चरण को नागरिकों, विशेषज्ञों, उद्योग और पर्यावरण से जुड़े हितधारकों के सुझावों के साथ आगे बढ़ाया जाए।"
2020 में शुरू की गई यह नीति खासतौर पर टू-व्हीलर और ई-रिक्शा जैसे सेगमेंट में ईवी पंजीकरण में वृद्धि के लिए अहम साबित हुई थी। हालांकि, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और बैटरी के अंत-उपयोग (EOL) प्रबंधन जैसे मुद्दों पर अभी भी सुधार की आवश्यकता है।
यह नीति पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और वर्तमान भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेतृत्व वाली सरकार के तहत कई बार बढ़ाई गई है। इसका पिछला तीन महीने का विस्तार 15 जुलाई को समाप्त हो गई था।
अधिकारियों ने बताया कि संशोधित नीति में चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार, सब्सिडी की समीक्षा, बैटरी और ई-वेस्ट निपटान के स्पष्ट दिशा-निर्देशों पर फोकस होगा। साथ ही, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों की भूमिका को और स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाएगा।
परिवहन विभाग ने कहा कि इस विस्तार से नीति में खालीपन से बचा जा सकेगा और सुधार के लिए जरूरी समय भी मिलेगा। हालांकि, सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए नई नीति के मसौदे के जारी होने की कोई निश्चित समय-सीमा अभी तय नहीं की गई है। संशोधित नीति को सरकार के व्यापक पर्यावरणीय लक्ष्यों के अनुरूप तैयार किया जाएगा।