
भारत सरकार ने ट्रक सेगमेंट में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए PM E-Drive योजना की शुरुआत की है। भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा 10 जुलाई, 2025 को अधिसूचित इस योजना के तहत ₹500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिसका उद्देश्य वित्त वर्ष 2026 में 5,600 से अधिक ई-ट्रकों की खरीद में सहायता प्रदान करना है।
यह योजना N2 श्रेणी (3.5-12 टन कुल वाहन भार) और N3 श्रेणी (12-55 टन कुल वाहन भार) के ट्रकों को लक्षित करती है। योग्य ट्रकों को उनकी भार क्षमता के आधार पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, बशर्ते वे निर्धारित न्यूनतम रेंज, अधिकतम ऊर्जा खपत, न्यूनतम गति, त्वरक क्षमता और ग्रेडेबिलिटी जैसे प्रदर्शन मानकों को पूरा करें।
ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ट्रक क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहन तकनीक को अपनाने की गति काफी धीमी रही है, और इस योजना के जरिए इसे FY2026 तक करीब 2% तक पहुंचाने का लक्ष्य है। फिलहाल ट्रक विद्युतीकरण का स्तर बहुत ही न्यून है।
योजना के तहत केवल मांग आधारित प्रोत्साहन ही नहीं, बल्कि ईवी कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार, और टेस्टिंग सुविधाओं के निर्माण के लिए भी सहायता प्रदान की जाएगी। इसका उद्देश्य रेंज को लेकर चिंता और उपयोग लागत की बाधाओं को दूर करना है।
हालांकि योजना को अभी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे –
- सीमित लोकलाइजेशन
- रियर अर्थ मेटल्स पर भारी आयात निर्भरता
- चार्जिंग नेटवर्क की कमी
लेकिन ICRA का मानना है कि लंबे समय में यह योजना स्वच्छ, टिकाऊ और किफायती माल परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी। योजना के तहत मिलने वाले प्रोत्साहनों के बाद ई-ट्रकों का कुल स्वामित्व लागत (TCO) डीजल ट्रकों की तुलना में 15-20% तक कम रहेगा, जिससे उपभोक्ताओं को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा।
PM E-Drive योजना न केवल ट्रकों की बिक्री को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत में सतत और हरित लॉजिस्टिक्स प्रणाली की नींव रखने में भी अहम भूमिका निभाएगी।