
चार्ज ज़ोन ने 'श्वा' नामक एक सार्वजनिक कला पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य ईवी सुपरचार्जिंग स्टेशनों को ऐसे सांस्कृतिक स्थानों में बदलना है जहां सततता और समुदाय जैसे विषयों पर आमजन विचार कर सकें।
इस पहल की शुरुआत विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर की गई, जिसमें भारतीय कलाकार राहुल कुमावत द्वारा बनाए गए विशालकाय म्यूरल्स (दीवार चित्रों) को करजन (गुजरात) और सूर्यापेट (तेलंगाना) के हाईवे चार्जिंग स्टेशनों पर लगाया गया है। ये म्यूरल्स पर्यावरणीय और स्थानीय कथाओं को दर्शाते हैं।
चार्ज ज़ोन के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य यात्रियों को चार्जिंग के दौरान जलवायु और सांस्कृतिक मुद्दों पर सोचने के लिए एक आकर्षक और विचारोत्तेजक वातावरण प्रदान करना है। हर म्यूरल में एक क्यूआर कोड शामिल है, जो लोगों को श्वा की माइक्रोसाइट (shwa.chargezone.co.in) पर ले जाता है, जहां उच्च गुणवत्ता की तस्वीरें, कलाकार की जानकारी और म्यूरल से जुड़ी कहानियां उपलब्ध हैं।
चार्ज ज़ोन के फाउंडर और सीईओ कृतिकेय हरियानी ने बताया कि यह पहल केवल चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर से आगे बढ़कर लोगों और पर्यावरण के बीच एक जुड़ाव बनाने की कोशिश है। वहीं प्रोजेक्ट हेड देवब्रत हरियानी ने कहा कि ये म्यूरल्स संस्कृति, समुदाय और पर्यावरण के प्रति जागरूकता को जोड़ने वाले प्रेरणास्रोत बनेंगे।
वडोदरा (गुजरात) मुख्यालय वाली चार्ज ज़ोन कंपनी भारत और यूएई में 400 से अधिक स्थानों पर 13,500 से अधिक चार्जिंग पॉइंट्स का संचालन करती है। कंपनी का दीर्घकालिक लक्ष्य देशभर में एक मिलियन चार्जिंग पॉइंट्स स्थापित करना है। आने वाले छह महीनों में इस कला पहल को 10–12 अन्य स्थानों पर विस्तार देने की योजना है, और आने वाले वर्षों में इसे सैकड़ों स्थानों तक पहुंचाने का लक्ष्य है।