
उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग और सरकार की ओर से ई-वाहनों को बढ़ावा देने की नीति के तहत परिवहन निगम अब इलेक्ट्रिक बसों का दायरा बढ़ा रहा है। इसी क्रम में आजमगढ़ परिक्षेत्र को दूसरे चरण में 50 इलेक्ट्रिक बसें दी जाएंगी। इससे पहले बनारस और गोरखपुर जैसे सीमावर्ती जिलों में इलेक्ट्रिक बसों का सफल संचालन शुरू किया जा चुका है।
परिवहन विभाग के अनुसार, आजमगढ़ में इलेक्ट्रिक बसों के आने के बाद ये बसें शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक चलेंगी। इनका उद्देश्य न केवल यात्रियों को आरामदायक और प्रदूषण रहित सफर उपलब्ध कराना है, बल्कि डीजल पर निर्भरता को भी कम करना है। आने वाले समय में जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ेगी, उनके रूटों का निर्धारण भी किया जाएगा।
आजमगढ़ परिक्षेत्र में वर्तमान में सात डिपो संचालित हैं — आजमगढ़, मऊ, बलिया, दोहरीघाट, अंबेडकर नगर, बेल्थरा रोड और शाहगंज — जिनसे प्रतिदिन कुल 527 बसें संचालित होती हैं, जिनमें से 467 निगम की और 105 अनुबंधित बसें हैं। इन डिपो से राज्य और अंतरराज्यीय मार्गों पर बसें चलती हैं, जो यात्रियों को बनारस, गोरखपुर, लखनऊ, प्रयागराज और दिल्ली तक जोड़ती हैं।
परिवहन विभाग के आजमगढ़ परिक्षेत्र के आरएम मनोज बाजपेई ने बताया कि डीजल बसों से होने वाले प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रिक बसों का दायरा बढ़ाया जा रहा है। इस पहल से न केवल पर्यावरण को फायदा होगा, बल्कि सार्वजनिक परिवहन प्रणाली भी अधिक सुरक्षित और टिकाऊ बन सकेगी।