
एनविज़न एनर्जी ने भारत का पहला ऐसा रेस कार लॉन्च किया है जिसे पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट से तैयार किया गया है। ‘Recover-E’ नामक इस कार का अनावरण मुंबई के रेडियो क्लब में EARTHDAY.ORG के साथ मिलकर ‘Our Power, Our Planet’ कैंपेन के तहत किया गया। यह दुनिया में इस तरह की दूसरी कार है; पहली कार का अनावरण 2023 में लंदन ई-प्रिक्स के दौरान हुआ था।
भारतीय संस्करण को पुराने और अनुपयोगी मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से बनाया गया है। इसका उद्देश्य डिजाइन में सर्कुलरिटी का परफॉरमेंस करना और भारत में बढ़ते ई-वेस्ट के खतरे के प्रति जागरूकता फैलाना है।
एनविज़न एनर्जी इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर आरपीवी प्रसाद ने कहा कि यह परियोजना कंपनी की सस्टेनेबल इनोवेशन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। एनविज़न रेसिंग के कमर्शियल डायरेक्टर जेम्स मर्सर के अनुसार यह कार ई-वेस्ट की गंभीरता और पुन: उपयोग की संभावनाओं को उजागर करती है। EARTHDAY.ORG की एशिया क्षेत्रीय निदेशक करूणा सिंह ने ऐसे प्रयासों को सर्कुलर प्रैक्टिस और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने वाला बताया।
भारत में पिछले पांच वर्षों में ई-वेस्ट में 72.54% की वृद्धि दर्ज की गई है — 2019-20 में 1.01 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 में 1.751 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुँच गया है। ई-वेस्ट में सीसा, पारा और कैडमियम जैसे हानिकारक पदार्थ होते हैं, जो सही तरीके से न निपटाए जाने पर पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं।
लॉन्च कार्यक्रम में ऊर्जा, स्थिरता और कला के बीच संबंध पर एक पैनल चर्चा भी हुई, जिसमें अरुषि निशंक, बौद्धायन मुखर्जी, विनय जैन, कौन्तेय सिन्हा और श्रेया घोड़ावत ने भाग लिया। चर्चा में पर्यावरणीय कहानियों और जनसहभागिता को जलवायु कार्रवाई के प्रभावी उपकरणों के रूप में रेखांकित किया गया। कार्यक्रम का समापन संगीतकार प्रज्ञा दत्ता के लाइव प्रदर्शन से हुआ।
कार का डिज़ाइन और निर्माण पल्लडम स्थित वर्टेक्स रिसर्च सेंटर द्वारा किया गया। यह पहल एनविज़न रेसिंग के व्यापक अभियान का हिस्सा है, जो युवाओं के बीच ई-कचरे की समस्या को उजागर करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसके तहत कंपनी पुराने उपकरणों का दान देने, कम इलेक्ट्रॉनिक खरीद करने और स्थानीय रिसाइक्लिंग विकल्पों को अपनाने जैसे कदमों को बढ़ावा देती है।
स्मार्ट विंड टर्बाइंस, ऊर्जा भंडारण और ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में कार्यरत एनविज़न एनर्जी 2022 में अपने संचालन में कार्बन न्यूट्रल बन चुका है और 2028 तक पूरी वैल्यू चेन में न्यूट्रलिटी का लक्ष्य रखता है।