
दिल्ली सरकार की आगामी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति में रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी जा रही है। नीति के तहत शहरभर में व्यापक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और बैटरी स्वैपिंग सुविधाएं स्थापित करने पर जोर दिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना से संबंधित विभिन्न सहायक सेवाओं और ढांचागत विकास कार्यों के माध्यम से कम से कम 20,000 रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि सरकार दिल्ली में तय अंतराल पर ईवी चार्जिंग नेटवर्क तैयार करने की योजना पर काम कर रही है। फिलहाल दिल्ली में 50 से अधिक स्थानों पर ईवी चार्जिंग की व्यवस्था है, जहां 4,646 से ज्यादा चार्जिंग प्वाइंट्स और 250 बैटरी स्वैपिंग स्टेशन ईवी उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध हैं।
अधिकारी ने बताया, "रेंज एंग्जायटी — यानी यह डर कि वाहन का बैटरी चार्ज गंतव्य तक पहुँचने से पहले खत्म हो जाएगा — लोगों को ईवी अपनाने से रोकता है। नई नीति का मुख्य उद्देश्य इस डर को खत्म करना है।"
गौरतलब है कि दिल्ली की मौजूदा ईवी नीति वर्ष 2020 में शुरू की गई थी, जिसे कई बार विस्तार दिया गया है। इसकी नवीनतम अवधि 15 अप्रैल 2025 के बाद तीन महीने के लिए बढ़ाई गई है।