
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के उपयोग और निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। सरकार के अनुसार देश में अब तक 45 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर हो चुके हैं। अब केंद्र सरकार चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने और उनकी तकनीक में सुधार की दिशा में तेजी से काम कर रही है।
इसी कड़ी में, सी-डैक (त्रिवेंद्रम) और VNIT नागपुर ने मिलकर एक स्वदेशी वायरलेस चार्जर विकसित किया है, जो EV की बैटरी को लगभग तीन घंटे में 90% तक चार्ज करने में सक्षम है। यह तकनीक अब M/s ग्लोबल बिजनेस सॉल्यूशन प्रा. लि. को व्यावसायिक उपयोग के लिए सौंप दी गई है।
यह 1.5 किलोवाट वायरलेस चार्जर 230 वोल्ट, 50 हर्ट्ज की एसी सिंगल फेज सप्लाई पर काम करता है। यह 48 वोल्ट की 4.8 kWh ऑनबोर्ड बैटरी पैक को 30 एम्पीयर करंट से तीन घंटे में चार्ज करता है। इसमें शॉर्ट-सर्किट और ओपन-सर्किट से सुरक्षा के लिए उन्नत फीचर्स भी दिए गए हैं। चार्जर में सिलिकॉन कार्बाइड आधारित MO SFETs का उपयोग किया गया है, जो 88 kHz पर कार्य करता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के सचिव एस. कृष्णन ने नई दिल्ली के इलेक्ट्रॉनिक्स निकेतन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस तकनीक के तकनीकी हस्तांतरण (ToT/MoA/MoU) की घोषणा की। यह तकनीक नेशनल मिशन ऑन पावर इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी (NaMPET) के तहत विकसित की गई है।
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में सरकार ने EV अपनाने में आ रही चुनौतियों को हल करने के लिए कई योजनाएं शुरू की थीं, जिनमें पीएम ई-ड्राइव और पीएसएम स्कीम प्रमुख हैं। इसके अलावा, वित्त मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी घटाकर 12% से 5% कर दी है, जिससे उनकी कीमतों में और गिरावट आई है।
यह तकनीकी पहल भारत को ईवी चार्जिंग के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और EV क्रांति को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।