
टाटा मोटर्स अगले पांच वर्षों में अपने पैसेंजर व्हीकल और इलेक्ट्रिक व्हीकल व्यवसाय में 33,000 से 35,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी का लक्ष्य अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को तेजी से बढ़ाना, सॉफ्टवेयर-डिफाइंड व्हीकल (SDV) विकसित करना, एडवांस्ड टेक्नोलॉजी अपनाना और अगली पीढ़ी के पावरट्रेन लॉन्च करना है।
कंपनी ने एक निवेशक प्रस्तुति में बताया कि ईवी बिजनेस, जो इस वित्तीय वर्ष में EBITDA स्तर पर लाभदायक हो चुका है, उसमें FY25 से FY30 के बीच 16,000 से 18,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्लान है।
टाटा मोटर्स अपने पैसेंजर व्हीकल पोर्टफोलियो को इस दशक के अंत तक 15 से अधिक मॉडल्स तक बढ़ाना चाहती है, जो अभी 8 मॉडल्स तक सीमित है। इसमें 7 नए मॉडल्स और 23 मौजूदा मॉडलों के अपडेट शामिल होंगे। नए नामों में एक सिएरा, दो अविन्या रेंज, दो ICE और दो EV मॉडल्स शामिल हैं।
कंपनी का लक्ष्य FY27 तक पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में 16% मार्केट शेयर हासिल करना है, जिसे आगे बढ़ाकर 18-20% तक ले जाने की योजना है। FY25 में टाटा मोटर्स का पैसेंजर व्हीकल बिजनेस 48,400 करोड़ रुपये का राजस्व लेकर आया था, जिसमें कंपनी अपने रेवेन्यू का 6-8% कैपेक्स के रूप में निवेश करेगी।
ईवी सेगमेंट में कंपनी अपनी लीडरशिप बरकरार रखने का इरादा रखती है। FY27 तक ईवी का हिस्सा टाटा मोटर्स के कुल पैसेंजर व्हीकल वॉल्यूम का 20% हो सकता है, जो FY30 तक 30% तक बढ़ने की उम्मीद है।
FY25 में कंपनी को चार साल की ग्रोथ के बाद "कंसेक्युटिव ईयर" कहा गया, जिसमें पैसेंजर व्हीकल की बिक्री और मार्केट शेयर में गिरावट दर्ज की गई। कंपनी को महिंद्रा एंड महिंद्रा के SUV पोर्टफोलियो से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है।
टाटा मोटर्स का ईवी मार्केट शेयर पिछले दो साल में 80-85% से घटकर लगभग 55% हो गया है। इसका मुख्य कारण JSW MG मोटर की Windsor EV और M&M की नई पीढ़ी की EVs (BE 6 और XEV 9e) के कारण बढ़ती प्रतिस्पर्धा है।
उधर, मारुति सुजुकी की जापानी पैरेंट कंपनी ने भारत में अगले पांच वर्षों में लगभग 70,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है। मारुति 18 से 27 मॉडलों तक अपना पोर्टफोलियो बढ़ाएगी और ईवी सेगमेंट में 4 मॉडल लॉन्च करेगी।
हुंडई इंडिया भी अगले कुछ वर्षों में 26 नए मॉडल्स लाने की योजना बना रही है, जिसमें 20 ICE वाहन और 6 ईवी शामिल हैं। इसके लिए कंपनी 10,000 करोड़ रुपये प्रोडक्ट डेवलपमेंट और 8,000 करोड़ रुपये R&D और मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी पर खर्च करेगी। महिंद्रा एंड महिंद्रा पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह इस दशक के अंत तक 9 ICE SUVs और 7 ईवी लॉन्च करेगी।