
नीति आयोग ने अपनी नई रिपोर्ट 'Unlocking a $200 Billion Opportunity: Electric Vehicles in India' लॉन्च की। यह रिपोर्ट भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को अपनाने में मौजूदा चुनौतियों का गहन मूल्यांकन करती है और ई-मोबिलिटी को तेज़ी से अपनाने के लिए जरूरी कदमों को उजागर करती है। इस रिपोर्ट को नीति आयोग के सदस्य राजीव गौबा ने जारी किया, इस मौके पर नीति आयोग के CEO बी. वी. आर. सुब्रह्मण्यम, भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव कमरान रिज़वी, नीति आयोग के डिस्टिंग्विश्ड फेलो ओ. पी. अग्रवाल, और ई-मोबिलिटी कार्यक्रम निदेशक सुधेन्दु सिन्हा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक कुल वाहन बिक्री में 30% हिस्सेदारी ईवी की हो। भारत में ईवी की बिक्री 2016 में 50,000 से बढ़कर 2024 में 2.08 मिलियन हो गई है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 2016 में 9.18 लाख से बढ़कर 2024 में 1.88 करोड़ तक पहुंच गया है। भारत की ईवी यात्रा की शुरुआत धीमी रही, लेकिन अब इसमें तेजी आ रही है। जहां 2020 में भारत की ईवी हिस्सेदारी वैश्विक औसत का पांचवां हिस्सा थी, वहीं 2024 में यह दो-पांचवां (40% से अधिक) हो गई है।
रिपोर्ट नीति आयोग द्वारा 7 विशेष सत्रों और स्टेकहोल्डर विचार-विमर्श के बाद तैयार की गई है। इसमें ईवी अपनाने को तेज़ करने के लिए रणनीतिक उपाय, प्रमुख अवरोधों की पहचान और तुरंत उठाए जाने वाले कदमों की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट डेटा आधारित निर्णय और विभिन्न क्षेत्रों के सहयोग से एकजुट राष्ट्रीय प्रयास का मार्ग प्रशस्त करती है।
रिपोर्ट लॉन्च के दौरान राजीव गौबा ने कहा, “भारत स्वच्छ परिवहन के क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी मोड़ पर खड़ा है। यह रिपोर्ट मौजूदा रुकावटों को दूर कर बड़े स्तर पर बदलाव लाने के लिए जरूरी सुझाव देती है।” वहीं, श्री बी. वी. आर. सुब्रह्मण्यम ने कहा, “नीति आयोग पहले से ही भारत में ईवी क्रांति के केंद्र में रहा है। यह रिपोर्ट समयानुकूल और व्यापक विश्लेषण प्रदान करती है जो भारत के ईवी बदलाव को तेज़ करने में मदद करेगी।”