
वर्षों की अटकलों के बाद आखिरकार टेस्ला ने भारत में अपनी एंट्री की पुष्टि कर दी है। कंपनी 15 जुलाई को मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में अपना पहला टेस्ला एक्सपीरियंस सेंटर शुरू करेगी। इसके बाद दिल्ली में दूसरा स्टोर खोला जाना तय माना जा रहा है। हालांकि, टेस्ला कारों की बिक्री में अभी थोड़ा समय लग सकता है।
टेस्ला ने भारत में निर्माण प्लांट लगाने पर विचार जरूर किया था, लेकिन अब कंपनी पूरी तरह से इम्पोर्टेड गाड़ियों के जरिए बाजार में उतर रही है। भारत सरकार ने स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देने के लिए विशेष ईवी नीति बनाई और टैरिफ घटाने की पेशकश की, लेकिन टेस्ला ने स्पष्ट कर दिया है कि वह भारत में निर्माण करने में फिलहाल रुचि नहीं रखती। ऐसे में टेस्ला की गाड़ियां 110% इंपोर्ट टैक्स के साथ आएंगी।
कंपनी भारत में भी अपने डायरेक्ट-टू-कस्टमर मॉडल को अपनाएगी और शोरूम खुद संचालित करेगी। हालांकि, टेस्ला ने स्थानीय स्तर पर स्टोर मैनेजर, सेल्स और सर्विस स्टाफ की नियुक्ति की है।
भारत में टेस्ला की पहली गाड़ी Model Y हो सकती है, जिसकी फेसलिफ्टेड वर्जन को हाल ही में भारत की सड़कों पर टेस्टिंग के दौरान कई बार देखा गया है।
टेस्ला की भारत एंट्री का लंबे समय से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को इंतजार था। हालांकि ब्रांड का एक वफादार फैनबेस है जो प्रीमियम कीमत पर भी गाड़ियां खरीदने को तैयार है, लेकिन भारत में मेनस्ट्रीम सफलता के लिए प्राइसिंग एक बड़ा कारक साबित होगा।