
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और सन मोबिलिटी की संयुक्त उद्यम कंपनी इंडोफास्ट एनर्जी ने मोटोवोल्ट मोबिलिटी के साथ साझेदारी की घोषणा की है। इस सहयोग के तहत मोटोवोल्ट के MVS7 इलेक्ट्रिक स्कूटर में इंडोफास्ट की बैटरी-स्वैपिंग तकनीक को जोड़ा जाएगा। इस पहल का उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में आने वाली लागत और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की चुनौतियों को दूर करना है।
MVS7 एक मल्टी-यूटिलिटी इलेक्ट्रिक स्कूटर है जिसकी टॉप स्पीड 50 किमी/घंटा और प्रति चार्ज 80-85 किमी की रेंज है। इसमें 2.5kW पीक पावर मोटर है जो 120 Nm टॉर्क देता है। स्कूटर में 150 लीटर का स्टोरेज और 150 किलोग्राम का पेलोड कैपेसिटी है। यह पांच राइडिंग मोड्स के साथ आता है और व्यक्तिगत व व्यावसायिक दोनों उपयोगों के लिए उपयुक्त है।
इस साझेदारी के तहत ग्राहक बैटरी की कीमत के बिना MVS7 स्कूटर खरीद सकेंगे। इसके लिए इंडोफास्ट का बैटरी-एज़-अ-सर्विस (BaaS) मॉडल लागू होगा, जिससे वाहन की शुरुआती लागत कम होगी। यूजर्स पारंपरिक चार्जिंग के बजाय इंडोफास्ट के बैटरी-स्वैपिंग स्टेशनों से बैटरी बदल सकेंगे, जिससे समय की बचत होगी और वाहन का डाउनटाइम भी घटेगा।
इंडोफास्ट एनर्जी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रजत मल्हान ने कहा कि यह साझेदारी रेंज और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी समस्याओं का समाधान करती है। वहीं, मोटोवोल्ट मोबिलिटी के फाउंडर और सीईओ तुषार चौधरी ने कहा कि यह सहयोग यूटिलिटी फोकस्ड व्हीकल्स को बढ़ावा देगा।
दोनों कंपनियों ने अगले 12 महीनों में 20,000 यूनिट्स B2B सेक्टर और 5,000 यूनिट्स कंज़्यूमर मार्केट में बेचने का लक्ष्य रखा है। मोटोवोल्ट दिल्ली-NCR, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में अपनी डीलरशिप का विस्तार करेगी।
इंडोफास्ट एनर्जी वर्तमान में 23 से अधिक शहरों में 900 से अधिक बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन संचालित करती है और हर महीने 10 लाख से ज्यादा बैटरी स्वैप प्रोसेस करती है। यह कंपनी Indian Oil और Sun Mobility की 50:50 संयुक्त साझेदारी है।
मोटोवोल्ट मोबिलिटी, जिसकी स्थापना 2019 में कोलकाता में हुई थी, अब तक 32,000 से अधिक वाहनों की डिलीवरी कर चुकी है। इसके वाहनों ने कुल मिलाकर 6.5 करोड़ किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय की है, जिससे 17 लाख लीटर ईंधन की बचत और 3.71 मिलियन किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन में कमी हुई है।
बैटरी-स्वैपिंग मॉडल पारंपरिक चार्जिंग का एक व्यवहारिक विकल्प बनकर उभरा है, जिससे ईवी चार्जिंग का समय घटता है और शहरी इलाकों में बेहतर चार्जिंग समाधान मिलते हैं।