
भारत की प्रमुख टू-व्हीलर निर्माता कंपनी बजाज ऑटो लिमिटेड जून 2025 में अपने लोकप्रिय चेतक इलेक्ट्रिक स्कूटर का नया एंट्री-लेवल वेरिएंट लॉन्च करने जा रही है। यह कदम तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक मोबिलिटी बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है।
यह नया वेरिएंट दिसंबर 2024 में लॉन्च हुई Chetak 35 Series की सफलता को और आगे बढ़ाएगा। बजाज ऑटो के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राकेश शर्मा ने बताया कि चेतक ब्रांड ने FY24 की चौथी तिमाही में 13% से बढ़कर FY25 की चौथी तिमाही में 25% की बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली है। इस उल्लेखनीय वृद्धि के साथ चेतक भारत के इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बाजार में नंबर वन बन गया है।
मई 2025 के अंत में चेतक 3503 वेरिएंट के लॉन्च के साथ ही, जून में 2903 वेरिएंट का अपग्रेड भी पेश किया जाएगा, जो कि कंपनी का सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल है। इसके साथ चेतक पोर्टफोलियो और भी मजबूत हो जाएगा। FY26 में इस पोर्टफोलियो का और विस्तार करने की योजना है ताकि नए सब-सेगमेंट को भी कवर किया जा सके।
फिलहाल बजाज चेतक चार वेरिएंट्स में आता है: 2903, 3503, 3502 और 3501। इनमें चेतक 2903 बेस वेरिएंट है जिसकी शुरुआती कीमत ₹99,998 है, जबकि टॉप-एंड चेतक 3501 की कीमत ₹1,32,000 है।
बाजार विस्तार के लिए बजाज ऑटो ने 310 चेतक एक्सपीरियंस सेंटर्स और 3,000 से अधिक सेल्स पॉइंट शुरू किए हैं। राकेश शर्मा को भरोसा है कि यह कदम FY26 में कंपनी को एक मजबूत और लाभकारी लीडरशिप स्थापित करने में मदद करेंगे।
FY25 में बजाज ऑटो ने अब तक का सबसे ज्यादा घरेलू राजस्व दर्ज किया, जिसमें टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर दोनों से मजबूत डबल-डिजिट ग्रोथ देखने को मिली। खास बात यह रही कि इलेक्ट्रिक वाहनों से ₹5,500 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ, जो घरेलू बिक्री का लगभग 20% है।
सीएफओ दिनेश थापर ने बताया कि ईवी पोर्टफोलियो को लागत में कमी और PLI स्कीम से काफी फायदा हुआ है, जिससे बजाज ऑटो प्रतिस्पर्धी बना हुआ है।
हालांकि, चीन से रियर अर्थ मैग्नेट्स की आपूर्ति को लेकर चुनौतियां बनी हुई हैं। ये मैग्नेट्स इलेक्ट्रिक मोटर्स के लिए अहम हैं। शर्मा ने बताया कि आयात के लिए एक जटिल प्रक्रिया अपनाई जा रही है, जिसमें सैन्य उपयोग नहीं होने का प्रमाण पत्र, विभिन्न भारतीय मंत्रालयों से स्वीकृति और अंत में चीनी प्राधिकरण से एक्सपोर्ट क्लीयरेंस शामिल है।
अब तक ऑटो उद्योग ने 30 से अधिक आवेदन किए हैं, लेकिन कोई स्वीकृति नहीं मिली है। यदि यह स्थिति बनी रही तो जुलाई 2025 से प्रोडक्शन पर गंभीर असर पड़ सकता है।