
इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, दिल्ली (IIIT-दिल्ली) में शुरू हुआ स्टार्टअप चार्ट्र (Chartr) एक बड़ी सफलता के साथ आगे बढ़ रहा है। चार्ट्र ने वो तकनीक, जो संस्थान में बनाई गई थी, अब पूरी तरह अपने नाम कर ली है। इसका मतलब है कि अब यह स्टार्टअप उस तकनीक को बाजार में उपयोग कर सकता है और उससे प्रोडक्ट बना सकता है।
चार्ट्र की शुरुआत IIIT-दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. प्रवेश बियानी ने की थी। यह स्टार्टअप पिछले सात साल से शहरों में बसों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर बनाने पर काम कर रहा है। जो काम पहले केवल पढ़ाई और रिसर्च के लिए शुरू हुआ था, अब वह असली दुनिया में बड़े स्तर पर उपयोग हो रहा है।
डॉ. बियानी ने कहा, "रिसर्च को असली प्रोडक्ट में बदलना आसान नहीं होता, लेकिन हमने यह कर दिखाया। हमें खुशी है कि हमने सब कुछ नियमों के अनुसार किया और स्टार्टअप को सफल बनाया। अब हम अगला बड़ा कदम उठाने के लिए तैयार हैं।"
चार्ट्र के प्रोडक्ट आज कई शहरों में चल रहे हैं। इससे बसों के संचालन में सुधार हुआ है, यात्रियों का इंतजार कम हुआ है और ट्रांसपोर्ट सिस्टम ज्यादा सुविधाजनक बना है।
IIIT-दिल्ली के डायरेक्टर प्रो. रंजन बोस ने कहा, "यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। चार्ट्र का सफर दिखाता है कि भारत के कॉलेज और यूनिवर्सिटी से भी बड़े इनोवेशन निकल सकते हैं।"
अब चार्ट्र का अगला लक्ष्य है देशभर में अपने प्रोडक्ट को फैलाना, अपने कारोबार को बढ़ाना और ज्यादा से ज्यादा शहरों में अपने सिस्टम लगाना। चार्ट्र की यह कहानी दूसरे स्टूडेंट्स और प्रोफेसर्स के लिए भी एक बड़ी प्रेरणा बन रही है।