
चंडीगढ़ सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के बढ़ते उपयोग से हर साल करीब ₹60 करोड़ की बचत कर रहा है और लगभग 80,000 टन CO₂ उत्सर्जन को टालने में सफल हो रहा है। चंडीगढ़ नवीकरणीय ऊर्जा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (CREST) के CEO नवीन कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि "हम 4 मेगावाट के फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट सहित कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य अगले 2-3 वर्षों में शहर की कुल बिजली खपत का 10% सौर ऊर्जा से पूरा करना है। इसके लिए हम चंडीगढ़ में भूमि की कमी को ध्यान में रखते हुए नए समाधान खोज रहे हैं।"
CREST न केवल सौर ऊर्जा की स्थापना कर रहा है, बल्कि इससे जुड़े कौशल विकास, रोजगार और उद्यमिता को भी बढ़ावा दे रहा है। हाल ही में पंजाब के राज्यपाल और यूटी प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने एक कार्यक्रम में कहा, "स्वच्छ ऊर्जा सिर्फ एक नीति नहीं, बल्कि एक नैतिक जिम्मेदारी है। सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों में इनोवेशन को बढ़ावा देकर हम आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित कर रहे हैं।"
चंडीगढ़ को क्षेत्रीय पुरस्कार समारोह में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के सरकारी विभागों को कुल 9 पुरस्कार मिले, जिनमें से CREST को सर्वाधिक 4 पुरस्कार प्राप्त हुए। ये पुरस्कार हैं:
भारत में पहली बार सरकारी भवनों में 100% रूफटॉप सौर ऊर्जा स्थापना
पीएम सूर्या घर योजना में उत्कृष्टता
इनोवेशन में उत्कृष्टता – फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट (उत्तर भारत का सबसे बड़ा)
क्षेत्र और देश में ईवी की सबसे अधिक पहुंच (2024)
मुख्य उपलब्धियां:
सरकारी रूफटॉप सोलर साइट्स: 6,627
कुल सरकारी रूफटॉप क्षमता: 52.85 मेगावाट
कुल सौर ऊर्जा क्षमता (सरकारी + निजी): 89.68 मेगावाट
फ्लोटिंग सोलर क्षमता: 8 मेगावाट (उत्तर भारत का सबसे बड़ा 2.5 मेगावाट का प्लांट)
वार्षिक सौर उत्पादन: 117 मिलियन यूनिट्स
वार्षिक बचत: ₹60 करोड़
हर साल टले CO₂ उत्सर्जन: 80,000 टन
ईवी में चंडीगढ़ की उपलब्धि:
2024 में देश में सबसे ज्यादा ईवी पैठ: 15.20%
EV चार्जिंग स्टेशन: 35
बैटरी स्वैपिंग स्टेशन: 12
वितरित प्रोत्साहन राशि: ₹35 करोड़
प्रोत्साहन पाने वाले आवेदक: 5,293
चंडीगढ़, CREST के माध्यम से, सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाकर भारत में एक उदाहरण स्थापित कर रहा है और ग्रीन सिटी के रूप में तेजी से उभर रहा है।