
वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि व्हाइट गुड्स (एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स) के लिए पीएलआई योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन के नवीनतम दौर में 38 आवेदक सामने आए, जिन्होंने कुल 4,121 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। यह दौर 12 अक्टूबर 2024 को समाप्त हुआ।
इस योजना के लिए आवेदन 15 जुलाई 2024 को शुरू हुए, जिसमें 43प्रतिशत नए आवेदक छोटे और मझोले उद्योग (एमएसएमई) से थे। मंत्रालय ने कहा, "यह एमएसएमई के बीच एसी और एलईडी लाइट्स के कंपोनेंट के निर्माण की मूल्य श्रृंखला का हिस्सा बनने के विश्वास को दर्शाता है।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा शुरू की गई इस योजना में पहले से जुड़े आठ कंपनियां शामिल हैं, जिन्होंने व्हाइट गुड्स के निर्माण के लिए 1,285 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करने का वादा किया है। बाकी 30 नए आवेदक हैं, जिन्होंने एसी और एलईडी लाइट्स के विभिन्न कंपोनेंट के निर्माण के लिए पूरे भारत में 2,836 करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया है।
मंत्रालय ने कहा कि प्रस्तावित निवेश 13 राज्यों और 49 नए स्थानों में फैला हुआ है, जबकि नई मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर उत्तर प्रदेश के नोएडा-ग्रेटर नोएडा, राजस्थान के नीमराना और भिवाड़ी, महाराष्ट्र के औरंगाबाद- पुणे, गुजरात के सानंद और आंध्र प्रदेश के श्री सिटी में आ रहे हैं।
मंत्रालय ने बताया कि पाँच अतिरिक्त विदेशी कंपनियों सहित विभिन्न बहुराष्ट्रीय और घरेलू कंपनियाँ 245 करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं, इसके अलावा 15 मौजूदा कंपनियाँ ₹2,287 करोड़ रुपये का निवेश कर रही हैं।
मंत्रालय ने बताया यह योजना एसी और एलईडी लाइट्स उद्योग के कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम में 11,083 करोड़ रुपये के निवेश को देखने की संभावना है और लगभग 80,486 सीधी नौकरियों का सृजन करेगी। इसके अलावा, इससे भारत में एसी और एलईडी के कंपोनेंट का कुल उत्पादन लगभग 1,81,975 करोड़ रुपये होने की संभावना है।
अप्रैल 2021 में कैबिनेट ने 6,238 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ वित्त वर्ष 22-29 में लागू होने वाली व्हाइट गुड्स (एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स) के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी।