
ट्रूअल्ट बायोएनर्जी लिमिटेड, जो भारत के प्रमुख बायोफ्यूल कंपनियों में से एक है, को ऑयल मार्केटिंग कंपनी (OMC) के रूप में परिचालन करने की अनुमति मिल गई है। इस मंजूरी के बाद कंपनी अब देशभर में एथेनॉल, बायो-CNG, पेट्रोल और हाई-स्पीड डीजल जैसे ईंधनों का डायरेक्ट मार्केटिंग और रिटेल बिक्री कर सकेगी।
ट्रूअल्ट (TruAlt) बायोफ्यूल पर केंद्रित देश की पहली निजी कंपनियों में से एक है, जिसे यह मान्यता मिली है। कंपनी अब कर्नाटक और महाराष्ट्र से शुरुआत करते हुए 100 से अधिक फ्यूल स्टेशनों का नेटवर्क स्थापित करने की तैयारी में है। इन स्टेशनों पर पारंपरिक ईंधनों के साथ-साथ एथेनॉल मिश्रण (E93), बायो-CNG, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, कम से कम 5% फ्यूल स्टेशन दूरदराज के क्षेत्रों में खोले जाएंगे, ताकि ग्रामीण इलाकों में ईंधन की उपलब्धता को बढ़ाया जा सके।
कंपनी वर्तमान में शीरा आधारित एथेनॉल बाजार में 7% और कुल एथेनॉल सप्लाई में 3.7% की हिस्सेदारी रखती है। ट्रूअल्ट का लक्ष्य है कि अक्षय ईंधनों को मुख्यधारा के रिटेल बाजार में शामिल किया जाए। कंपनी अपनी सप्लाई रणनीति के तहत ग्रामीण क्षेत्रों से कृषि अवशेष और बायोमास का उपयोग करेगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा और स्वच्छ ईंधन विकल्पों को प्रोत्साहन मिलेगा।
ट्रूअल्ट (TruAlt) बायोगैस उत्पादन में भी अपना विस्तार कर रही है और अब सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) के क्षेत्र में प्रवेश की तैयारी कर रही है। कंपनी सालाना 10 करोड़ लीटर SAF उत्पादन क्षमता वाला प्लांट स्थापित करने की योजना बना रही है, जिसमें एथेनॉल को कच्चे माल के रूप में उपयोग किया जाएगा।
यह विकास ऐसे समय में हो रहा है जब भारत में ऊर्जा खपत के पैटर्न तेजी से बदल रहे हैं। देश में पेट्रोल की मांग बढ़ रही है, डीजल की तुलना में पेट्रोल का अनुपात बढ़ रहा है, और एथेनॉल मिश्रण में भी तेजी आई है। सप्लाई वर्ष 2024-25 के लिए वर्तमान एथेनॉल मिश्रण दर 18.4% है, जो फरवरी 2025 में 19.7% के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी।