
जापानी इलेक्ट्रिक टू- और थ्री-व्हीलर निर्माता टेरा मोटर्स 2025 के अंत तक अफ्रीकी देशों को अपने इलेक्ट्रिक रिक्शा और ई-ऑटो का निर्यात फिर से शुरू करने जा रही है। इसके साथ ही कंपनी भारत में अपने संचालन का विस्तार करते हुए बेंगलुरु में एक नया मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भी स्थापित करेगी।
टेरा मोटर्स एशिया के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सेक्टर में एक अहम प्रमुख बन चुकी है। कंपनी के भारत, बांग्लादेश, वियतनाम और जापान में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं, जो दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के कई बाजारों में वाहन सप्लाई करती हैं। भारत में 2014 में कदम रखने के बाद, कंपनी ने 400 से अधिक डीलरशिप के साथ तेज़ी से अपने परिचालन को बढ़ाया है।
कंपनी की भारत में यात्रा कोलकाता के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से शुरू हुई थी, जहां हर साल 36,000 से 50,000 ई-रिक्शा का उत्पादन होता है। हरियाणा के मानेसर स्थित दूसरे प्लांट की उत्पादन क्षमता 5,000 से 10,000 एल5 वाहनों की है। अब टेरा मोटर्स दक्षिण भारतीय बाजार में विस्तार करते हुए बेंगलुरु में नया एल5 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने जा रही है। इसके साथ ही कोलकाता प्लांट का विस्तार भी एल5 व्हीकल उत्पादन के लिए किया जाएगा।
कंपनी ने बताया कि अपने नए इलेक्ट्रिक ऑटो "KYORO+" के लॉन्च के साथ वह 100 नई डीलरशिप शुरू करने और सालाना 60,000 यूनिट्स के उत्पादन का लक्ष्य लेकर चल रही है।
टेरा मोटर्स के सीटीओ और डायरेक्टर मसानोरी टकाहाशी ने कहा, "पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्यों में एल5 वाहनों की मजबूत मांग है। कोलकाता प्लांट से सीधे डिलीवरी करके हम ट्रांसपोर्टेशन लागत में काफी कमी ला सकते हैं। बेंगलुरु से हम दक्षिणी बाजारों को बेहतर सेवा दे सकते हैं, जबकि मानेसर से दिल्ली और उत्तर भारत को कवर कर पाएंगे।"
कंपनी इथियोपिया, तंजानिया और नाइजीरिया जैसे अफ्रीकी देशों में भी निर्यात फिर से शुरू करने की योजना बना रही है, जो कोविड-19 महामारी के दौरान बाधित हो गया था। कंपनी के मुताबिक, स्थानीय डीलरों से बातचीत जारी है।
टेरा मोटर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर गो सुजुकी ने कहा, "हम अफ्रीका में साझेदारों के साथ बातचीत कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल हमारा मुख्य ध्यान भारत में अपने संचालन को मजबूत करने पर है।"
कंपनी की नजर बांग्लादेश और म्यांमार जैसे दक्षिण एशियाई देशों पर भी है, जहां इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स की मांग लगातार बढ़ रही है। टकाहाशी ने कहा, "इन बाजारों में बड़ी संभावनाएं हैं, खासकर उन जगहों पर जहां पेट्रोल वाहन कम उपलब्ध हैं।"
कंपनी ने 2024–25 में इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर और फाइनेंसिंग बिजनेस से ₹250 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया है और 2025–26 के अंत तक इसे 350–400 करोड़ रूपये तक ले जाने का लक्ष्य है। कंपनी का दीर्घकालिक लक्ष्य 2030 तक ₹1,000 करोड़ से अधिक का कारोबार हासिल करना है।
भारत का इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर मार्केट देश का सबसे बड़ा ईवी सेगमेंट बना हुआ है, जहां इसकी पैठ 60% से अधिक हो चुकी है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी की Global EV Outlook 2025 रिपोर्ट के अनुसार, भारत लगातार दूसरे साल दुनिया का सबसे बड़ा ई-थ्री व्हीलर बाजार बना है। भारत में 2024 में करीब 7 लाख ई-थ्री व्हीलर बिके, जो पिछले साल की तुलना में 18% अधिक है। वहीं चीन में 3 लाख यूनिट्स की बिक्री दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष से 6% कम है।