
ई-वेस्ट और लिथियम-आयन बैटरी रिसाइक्लिंग में अग्रणी भारतीय कंपनी एटेरो (Attero) ने अपनी रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) रिसाइक्लिंग क्षमता को 300 टन से बढ़ाकर 30,000 टन प्रति वर्ष करने की योजना की घोषणा की है। कंपनी इस विस्तार के लिए 100 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यह कदम भारत सरकार की नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (NCMM) के तहत देश में महत्वपूर्ण खनिजों की सप्लाई चेन को मजबूत करने और आयात पर निर्भरता घटाने की दिशा में है।
रेयर अर्थ एलिमेंट्स जैसे नियोडिमियम (Nd), प्रसीओडिमियम (Pr) और डिस्प्रोसियम (Dy) इलेक्ट्रिक वाहन, पवन ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योगों के लिए बेहद जरूरी हैं। वैश्विक बाजार में REE की मांग तेजी से बढ़ रही है और 2029 तक यह बाजार 10.9 अरब डॉलर और 2033 तक REE मैग्नेट का बाजार 30.3 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में भारत में घरेलू रिसाइक्लिंग क्षमता बढ़ाना बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।
एटेरो (Attero) के सीईओ और सह-संस्थापक नितिन गुप्ता ने बताया कि कंपनी के पास पेटेंटेड तकनीक है, जो ई-वेस्ट से 98% से अधिक दक्षता और 99.9% शुद्धता के साथ REE निकालने में सक्षम है। कंपनी की योजना है कि वर्तमान में प्रति दिन 1 टन की क्षमता को बढ़ाकर 100 टन प्रतिदिन किया जाए, जिससे सालाना क्षमता 30,000 टन हो जाएगी।
एटेरो की तकनीक हार्ड ड्राइव, लैपटॉप, इयरफोन जैसे उपकरणों से Nd, Pr, Ce, Gd और Dy जैसे तत्वों को कुशलतापूर्वक निकालती है। साथ ही, कंपनी उपयोग की गई लिथियम-आयन बैटरियों से ब्लैक मास को रिफाइन कर उच्च शुद्धता वाले लिथियम, कोबाल्ट, निकल और मैंगनीज भी तैयार करती है। एटेरो (Attero) के पास वर्तमान में 46 से अधिक वैश्विक पेटेंट हैं और हाल ही में भारत, चीन, ताइवान और मध्य-पूर्व के कई देशों में पेटेंट मिले हैं।
FY25 में एटेरो ने 1,50,000 टन ई-वेस्ट और 15,000 टन लिथियम-आयन बैटरियों का प्रोसेसिंग किया है। कंपनी की योजना इसे बढ़ाकर 4,15,000 टन ई-वेस्ट और 50,000 टन बैटरी रिसाइक्लिंग क्षमता तक ले जाने की है। एटेरो (Attero) अब यूरोप और अमेरिका में भी अपने परिचालन का विस्तार करने की तैयारी कर रही है। 2008 में स्थापित एटेरो छह देशों में काम कर रही है और हाल ही में उपभोक्ताओं से सीधे ई-वेस्ट इकट्ठा करने के लिए Selsmart नामक एक नया प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जिसके माध्यम से अगले तीन वर्षों में 1,40,000 मीट्रिक टन ई-वेस्ट और 50 लाख यूनिट प्रोसेस करने का लक्ष्य है।