
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा देश के बढ़ते दायरे और मध्यम वर्ग की बढ़ती आय से भारत के मोबिलिटी सेक्टर को ताकत मिलेगी। "बढ़ती अर्थव्यवस्था और बढ़ती आय की संख्या से गतिशीलता क्षेत्र में नया विश्वास पैदा होगा"। उन्होंने बताया कि भारत में बिकने वाली कारों की संख्या 2014 से 10 साल पहले 12 करोड़ की तुलना में बढ़कर 2014 के 10 साल बाद 21 करोड़ से अधिक हो गई है। जबकि भारत में बिकने वाली इलेक्ट्रिक कारों की संख्या 10 साल पहले 2 हजार प्रति वर्ष से बढ़कर आज 12 लाख प्रति वर्ष हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 10 वर्षों में यात्री वाहनों की संख्या में 60 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि दोपहिया वाहनों की संख्या में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई। प्रधानमंत्री ने बताया कि ताजा आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में कारों की बिक्री ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पीएम मोदी ने इस अवसर पर उपस्थित उद्योग जगत के प्रमुखों से आग्रह किया, "देश में गतिशीलता क्षेत्र एक अभूतपूर्व माहौल देख रहा है और आपको इसका लाभ उठाना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भव्य आयोजन के लिए भारत के ऑटोमोटिव उद्योग को बधाई दी और एक्सपो में अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शकों के प्रयासों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में इतने भव्य और स्टैंडर्ड के कार्यक्रम का आयोजन उन्हें प्रसन्नता और आत्मविश्वास से भर देता है। दिल्ली के लोगों को भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2024 देखने आने की सलाह देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संपूर्ण गतिशीलता और आपूर्ति श्रृंखला समुदाय को एक मंच पर लाता है।
पीएम मोदी ने कहा रिसर्च और इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए बजट में जैसे मैंने कहा 1 लाख करोड़ रुपये के फंड की घोषणा की है। स्टार्टअप को मिल रही टैक्स छूट को और विस्तार देने का भी निर्णय लिया है। इन फैसलों से भी मोबिलिटी सेक्टर में नई संभावनाएं पैदा होंगी। ईवी के सामने आज सबसे बड़ी चुनौती उसकी लागत और बैटरी की है। इस फंड का उपयोग इस क्षेत्र में रिसर्च के लिए हो सकता है। हमारी रूफटॉप सोलर स्कीम में भी ईवी मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ा कंपोनेंट्स है, जिससे ऑटो सेक्टर को भी मदद मिलेगी। जब सोलर रूफ टॉप की संख्या बढ़ेगी, तो स्वभाविक है कि बड़ी संख्या में बैटरी की भी जरूरत होगी। आपके लिए इस सेक्टर में भी विकास की बहुत बड़ी संभावना है। और मैं तो एक औऱ बात कहूंगा। क्यों नहीं हमारी इंडस्ट्री ऐसी रिसर्च करती, जिससे भारत में मौजूद रॉ मटेरियल से ही नई तरीके की बैटरी बनाई जाएं? क्योंकि दुनिया को चिंता है कि ये रॉ मटेरियल कितने लंबे अर्से तक चलेगा और तब क्या होगा। हम अभी से क्यों न वैकल्पिक लें। मैं समझ सकता हूं कि देश देश दे सकता है काफी लोग सोडियम पर काम कर भी रहे हैं। और सिर्फ बैटरी ही नहीं, ऑटो सेक्टर को ग्रीन हाइड्रोजन और एथेनॉल के क्षेत्र में भी नई रिसर्च को बढ़ावा देना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भारत अब एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की दहलीज पर है, जिसमें ऑटो और मोटर वाहनों के पुर्जे बनाने वाले उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।" वैश्विक ऑटोमोटिव बाजार में भारत के कद पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने टिप्पणी की, "आज, भारत यात्री वाहनों के लिए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है और वैश्विक स्तर पर वाणिज्यिक वाहनों का निर्माण करने वाले शीर्ष तीन देशों में से एक है।" इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना जैसी पहल के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों का समर्थन करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, "उद्योग के लिए सरकार ने 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना शुरू की है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण को बढ़ावा दे रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग पैदा करने के लिए सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है। उन्होंने कहा, एफएएमई योजना ने राजधानी के साथ-साथ कई अन्य शहरों में भी इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा दिया है।