कोमाकी ने कैट 3.0 एनएक्सटी का नया मॉडल पेश किया, जो दो बैटरी वेरिएंट्स, ग्राफीन और LIPO4 के साथ आता है। इसका अनावरण लास्ट-माइल डिलीवरी ऑपरेटरों के लिए किया गया है।
एनएसईएफआई के सीईओ सुब्रमण्यम पुलिपाका ने बताया कि हौजखास गांव में एक सौर ऊर्जा से संचालित ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया गया है। इससे हम यह जानना चाहते हैं कि चार्जिंग के लिए हरित ऊर्जा के उपयोग को कैसे बढ़ाया है और इस मॉडल को कैसे अन्य राज्यों में भी अपनाया जाएं।
सॉलिड स्टेट बैटरियों से आग लगने का जोखिम कम होने और हल्की, कम लागत वाली कारों को बनाने में मदद मिलेगी, जो एक बार की चार्जिंग में अधिक दूरी तय कर सकेंगी। इन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक क्रांतिकारी तकनीक माना जा रहा है, क्योंकि वाहन निर्माता लागत कम करने और ईवी की बिक्री ठप होने के बीच अपनी रेंज बढ़ाने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं।
जर्मन ऑटोमोबाइल कंपनियां विशेष रूप से मर्सिडीज, भारत में पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण कर रही हैं। पुणे में मर्सिडीज की ई-वाहनों के उत्पादन की पहल इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस साझेदारी के माध्यम से, Rapido और IndoFast Energy उच्च गति वाले प्रीमियम दोपहिया और रेट्रोफिटेड तीन पहिया वाहनों को जोड़ने की योजना बना रहे हैं ताकि अपने पर्यावरण के अनुकूल राइड-हेलिंग विकल्पों को बढ़ाया जा सके।
जीएफएल ने कहा कि पूंजी का उपयोग कैपेक्स आवश्यकताओं के लिए किया जाएगा, क्योंकि कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों और एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (ESS) के क्षेत्र में वैश्विक अवसरों का लाभ उठाने के लिए अपने आकार को बढ़ा रही है।
स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब के CEO अर्पित शर्मा ने कहा, "हमने वेस्ट मैनेजमेंट क्षेत्र में लगभग 4,50,000 स्वच्छता कर्मियों और डीस्लजिंग ऑपरेटरों को प्रशिक्षित किया है। अब, हम ग्रीन हाइड्रोजन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो भारत के सबसे बड़े उभरते क्षेत्रों में से एक है, और हमने इस क्षेत्र में क्षमता निर्माण की शुरुआत की है।
मेगा कॉर्पोरेशन की नई शाखा लेंडिंगो इलेक्ट्रिक वाहनों, जिसमें ईवी बैटरियां और रिक्शा शामिल हैं, के लिए विशेष वित्तीय समाधान प्रदान करेगी। इसका लक्ष्य एमएसएमई का सपोर्ट करना और बढ़ते हुए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी बाजार में स्थायी विकास को बढ़ावा देना है।
नागपुर नगर निगम (NMC) के लक्ष्यों के अनुसार, यह सेवा सार्वजनिक परिवहन में सुधार करने के साथ-साथ संचालन लागत और उत्सर्जन में कमी लाने का लक्ष्य रखती है।
यह सहयोग बैटरी लाइफ साइकिल मैनेजमेंट में बदलाव लाने का प्रयास करता है, जो एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (ESS) के लिए पूरी तरह से ट्रेस करने योग्य और स्थायी समाधान प्रदान करता है।
बैटरी पासपोर्ट सिस्टम बैटरी की पूरी जानकारी का एक डिजिटल रिकॉर्ड है, जिससे हमें पता चलता है कि बैटरी का लाइफ साइकिल कैसा रहा। इसका मुख्य उद्देश्य है कि हम बैटरी के इस्तेमाल से जुड़े सभी पहलुओं को समझ सकें और रैखिक अर्थव्यवस्था ( सर्कुलर इकोनॉमी) से वृत्ताकार अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ सकें।
पूरी अर्थव्यवस्था पर महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद, कुछ क्षेत्रों और व्यवसाय में रुचि रखने वालों के लिए बेहतरीन अवसर प्रदान किए हैं। आकर्षक व्यवसाय के अवसरों को जानने के लिए आगे पढ़ें।
डेकोरेटिव लाइट्स की मांग त्योहारों के अलावा शादी पार्टी में भी रहती हैं और मोमबत्ती सिर्फ त्योहारों में ही नहीं, बल्कि घर के ड्राइंगरूम और आलीशान होटलों में भी सजावट के लिए उपयोग की जाती है। इन दोनों बिजनेस को कम लागत के साथ शुरू किया जा सकता हैं।
फोर्ब्स ने 'रिलायंस' को 'भारत के सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता' और काम करने के लिए 'विश्व की 20वीं सबसे अच्छी कंपनी' बताया है। हर क्षेत्र में अपने पांव पसार चुकी भारत की सबसे बड़ी कंपनी 'रिलायंस' को रेवेन्यू, प्रोफिट्स और मार्केट वैल्यू के आधार पर इस सूची में वैश्विक स्तर पर 20वां स्थान दिया गया है।
आयुष प्रोडक्ट्स के निरयात को प्रमोट करने के लिए बीते सालों में कई प्रयास हुए हैं। वर्ष 2014 में देश से 6,600 करोड़ रुपए के आयुष उत्पादों का निरयात होता था, जो आज बढ़कर 11 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है।
कंपनी अपने शक्ति चैनल के माध्यम से 18,000 से अधिक महिलाओं को आजीविका प्रदान करती है जो उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में लोन प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
कंपनी कैटलॉग निर्माण और खोज की अनुमति देती है, सही आपूर्तिकर्ताओं तक पहुंच को सक्षम करती है, और यह सुनिश्चित करती है कि नमूने विकसित करने और शिपिंग के लिए अनुमोदित होने से शुरू होने वाली पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाए।
भारत सरकार लगातार इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है। कहा जा सकता है कि बहुत जल्द भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ईवी सेक्टर 'मील का पत्थर' साबित होगी। ईवी के लिए सबसे जरूरी है 'बैटरी' और उसे बनाने के लिए 'लीथियम'। जम्मू-कश्मीर में मिले लीथियम भंडार के बाद, राजस्थान में लीथियम का दूसरा भंडार मिला है, जो पहले से बड़ा है।