
भारत की प्रमुख ऑटोमोटिव कंपोनेंट निर्माता कंपनी स्टर्लिंग टूल्स लिमिटेड ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रियर अर्थ मैगनेट-फ्री ट्रैक्शन मोटर्स के निर्माण हेतु यूके की एडवांस्ड इलेक्ट्रिक मशीन (AEM) के साथ तकनीकी लाइसेंसिंग समझौता किया है। यह समझौता 14 मई 2025 को घोषित किया गया और इसके तहत स्टर्लिंग की सहायक कंपनी Sterling Gtake (SGEM) फरीदाबाद स्थित प्लांट में इन मोटर्स का निर्माण करेगी।
इस साझेदारी का उद्देश्य चीन-निर्भर स्थायी मैगनेट सप्लाई चेन के विकल्प के रूप में तकनीकी समाधान देना है। स्टर्लिंग टूल्स का लक्ष्य भारत के पूरे ट्रैक्शन मोटर बाजार को सेवा प्रदान करना है, जिसका आकार वर्ष 2030 तक लगभग 15,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
समझौते के अंतर्गत, मोटर और कंट्रोलर के इंटीग्रेटेड सॉल्यूशन के संयुक्त विकास की भी योजना है, जिससे स्टर्लिंग अब केवल मोटर कंट्रोल यूनिट (MCU) निर्माता न रहकर संपूर्ण EV समाधान प्रदाता बनना चाहता है।
स्टर्लिंग टूल्स लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, “रियर अर्थ मैगनेट-फ्री मोटर्स के क्षेत्र में यह कदम हमारी तकनीकी नेतृत्व की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम EV इंडस्ट्री की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए खुद को लगातार विकसित कर रहे हैं।”
एईएम (AEM) के सह-संस्थापक और सीईओ डॉ. जेम्स विडमर ने कहा, “यह साझेदारी भारत के ग्राहकों को हाई क्वालिटी वाली पावरट्रेन तकनीक उपलब्ध कराएगी और देश के 'आत्मनिर्भर भारत' और सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों को भी मजबूत करेगी।”
रियर अर्थ मैगनेट-फ्री मोटर्स का घरेलू निर्माण, भारत की Make in India पहल को सपोर्ट देगा और आयातित घटकों पर निर्भरता को कम करेगा, जिससे स्थानीय सप्लाई चेन और मजबूत होगी।
स्टर्लिंग टूल्स लिमिटेड लंबे समय से ऑटोमोटिव फास्टनर्स बनाती रही है और अब इलेक्ट्रिक वाहन कंपोनेंट्स के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रही है।
एईएम (AEM), न्यूकैसल यूनिवर्सिटी की शोध टीम से निकली एक कंपनी है, जो सस्टेनेबल और पर्यावरण अनुकूल इलेक्ट्रिक मोटर्स के डिजाइन में विशेषज्ञता रखती है और इसके पास 46 अंतरराष्ट्रीय पेटेंट हैं।
यह साझेदारी वैश्विक ईवी उद्योग के लिए एक रणनीतिक कदम है, जो दुर्लभ मैगनेट्स पर निर्भरता को कम करने और वैकल्पिक तकनीकों के विकास की दिशा में अग्रसर है।