
गॉदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप के टूलिंग डिवीजन ने भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्माण क्षेत्र में खुद को एक प्रमुख सप्लायर के रूप में स्थापित किया है। बीते तीन वर्षों में ईवी से संबंधित ऑर्डर्स ने इस यूनिट के कुल राजस्व का 10-15% हिस्सा अर्जित किया है।
गॉदरेज ने घोषणा की कि उसका टूलिंग व्यवसाय अब बैटरी बॉक्स और शीट मेटल पार्ट्स सहित इलेक्ट्रिक वाहन कंपोनेंट्स के लिए प्रिसीजन डाई और टूलिंग सॉल्यूशंस बनाने में सक्षम हो चुका है। कंपनी ने उद्योग की मांगों को पूरा करने के लिए अपनी आय का 2-3% अनुसंधान एवं विकास और उन्नत मशीनरी में निवेश किया है।
वित्तीय वर्ष 2025 में भारत के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार ने 19.6 लाख यूनिट्स की बिक्री दर्ज की, वहीं मई 2025 में बिक्री में साल-दर-साल 28% की वृद्धि देखी गई। इस तेज़ी से बढ़ते बाजार के चलते ऑटोमोटिव सप्लायर्स को ईवी के अनुकूल कंपोनेंट्स की स्थानीय रूप से निर्मित प्रिसीजन टूलिंग की आवश्यकता महसूस हो रही है।
गॉदरेज टूलिंग डिवीजन के बिजनेस हेड पंकज अभ्यंकर ने बताया कि कंपनी का उद्देश्य निर्माण समय और लागत दक्षता को बेहतर बनाते हुए आयात पर निर्भरता को कम करना है। यह यूनिट देश के टियर 1 और टियर 2 ऑटोमोटिव सप्लायर्स की ईवी कंपोनेंट निर्माण में हो रहे ट्रांजिशन का सपोर्ट कर रही है।
कंपनी वर्तमान में कुछ ऐसे टूल्स के घरेलू निर्माण की योजना बना रही है, जिन्हें अब तक विदेशों में बनाया जाता था। इसके साथ ही गॉदरेज निर्यात बाजार में भी संभावनाएं तलाश रही है, जिससे 'मेक इन इंडिया' पहल और ऑटोमोटिव क्षेत्र में आयात प्रतिस्थापन नीतियों को बल मिलेगा।
गॉदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप एयरोस्पेस, ऊर्जा, सुरक्षा समाधान और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे क्षेत्रों में कार्यरत है। इसका मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क पांच महाद्वीपों में फैला हुआ है और यह उपभोक्ताओं के साथ-साथ औद्योगिक बाजारों को भी सेवाएं प्रदान करता है।
गॉदरेज की ईवी टूलिंग में यह नई पहल उद्योग की उस व्यापक प्रवृत्ति को दर्शाती है, जिसमें ऑटोमोबाइल निर्माता अब ईवी असेंबली और लोकलाइज़ेशन आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अपने उत्पादन ढांचे में बदलाव कर रहे हैं।