
होंडा मोटर कंपनी ने मंगलवार को टोक्यो में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ऐलान किया कि वह अब अपनी दो-मोटर हाइब्रिड प्रणाली (e:HEV) पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगी। कंपनी ने माना कि 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बिक्री का अनुपात अब पहले घोषित 30% लक्ष्य से कम रहने की संभावना है, जिसका प्रमुख कारण वैश्विक बाजार में ईवी की मांग में कमी है।
होंडा अब अपने अगली पीढ़ी के e:HEV मॉडलों की फ्यूल एफिशिएंसी को 10% से अधिक बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। इसके साथ ही कंपनी एक नया इलेक्ट्रिक ऑल-व्हील ड्राइव सिस्टम भी लाने जा रही है, जिससे बेहतर मोटर कंट्रोल और ड्राइविंग अनुभव मिलेगा। होंडा की योजना है कि वह अपने हाइब्रिड सिस्टम को छोटे और मिड-साइज वाहनों में व्यापक रूप से लागू कर दुनिया का सबसे कुशल पावरट्रेन विकसित करे।
कंपनी एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) पर भी काम कर रही है, जो नेविगेशन के अनुसार पूरे रूट पर गाड़ी के संचालन – जैसे गति बढ़ाना, मोड़ लेना और ब्रेकिंग – को स्मार्ट तरीके से नियंत्रित करेगा। यह प्रणाली विशेष रूप से शहरों में ट्रैफिक जटिलताओं और बार-बार आने वाले चौराहों को ध्यान में रखकर डिजाइन की जा रही है।
होंडा ने यह भी कहा कि वह अब अपने व्यापक ईवी रणनीति की समीक्षा कर रही है, जिसमें कनाडा में प्रस्तावित EV वैल्यू चेन जैसे निवेशों के समय और मॉडल लाइनअप पर पुनर्विचार शामिल है। हालांकि कंपनी की दीर्घकालिक योजना कार्बन न्यूट्रैलिटी और 2050 तक यातायात दुर्घटनाओं से मौतें शून्य करने के लक्ष्य को लेकर स्पष्ट है।
कंपनी पिछले 30 वर्षों से वैकल्पिक ईंधन तकनीकों पर कार्य कर रही है। 1999 में Insight हाइब्रिड के लॉन्च के साथ ही होंडा ने बैटरी ईवी की जगह हाइब्रिड और फ्यूल-सेल गाड़ियों को अपनाना शुरू किया। कंपनी ने 2024 में हाइब्रिड टेक्नोलॉजी के 25 वर्ष पूरे किए। हाइड्रोजन फ्यूल सेल के क्षेत्र में भी होंडा की मौजूदगी चार दशकों से है और इस दिशा में कंपनी ने 2025 CR-V e:FCEV मॉडल को अमेरिका में लॉन्च कर महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है।
GM के साथ 2018 में शुरू हुई बैटरी साझेदारी होंडा की भविष्य की ईवी रणनीति का अहम हिस्सा बनी हुई है। EV, हाइब्रिड, और हाइड्रोजन— तीनों टेक्नोलॉजी के संतुलित उपयोग के जरिए होंडा अपनी पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं को निभाने की दिशा में लगातार काम कर रही है।