
कर्नाटक सरकार ने मोटर वाहन कर प्रणाली में बड़ा बदलाव किया है। हाल ही में संशोधित कर्नाटक मोटर व्हीकल टैक्सेशन एक्ट, 2025 के तहत अब राज्य में वाहनों पर वार्षिक टैक्स की जगह एक बार का स्थायी लाइफटाइम टैक्स लागू किया जाएगा। इस फैसले से जहां पुराने टैक्स ढांचे से राहत मिलेगी, वहीं महंगे वाहनों और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए टैक्स बोझ बढ़ सकता है।
नए ढांचे के तहत 10 लाख रुपये तक की कीमत वाले वाहनों पर 5% लाइफटाइम टैक्स लगेगा, जबकि 10-15 लाख रुपये के बीच की कीमत वाले वाहनों पर यह दर 9% होगी। 15 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले वाहनों को 15% लाइफटाइम टैक्स देना होगा। अब तक रोड टैक्स से पूरी तरह मुक्त रहे ₹25 लाख से अधिक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी अब 10% का लाइफटाइम टैक्स लागू किया गया है।
इसके अतिरिक्त, सरकार ने 10 लाख रुपये से अधिक की लागत वाले वाहनों पर लागू एक पुरानी शर्त को हटा दिया है, जिससे कुछ उच्च कीमत वाले वाहनों पर टैक्स भार कम हो सकता है। निर्माण उपकरण वाहनों (Construction Equipment Vehicles) के लिए टैक्स अब उनकी उम्र के आधार पर तय होगा — नए वाहनों पर 8% से लेकर 15 साल से पुराने वाहनों पर 25% टैक्स तक की व्यवस्था की गई है। वहीं कर्नाटक में रजिस्टर मोटर कैब्स पर भी नए स्लैब के अनुसार टैक्स लागू होंगे।
हालांकि ये नियम केवल राज्य में पंजीकृत वाहनों पर लागू होंगे और बाहर के राज्यों से परमिट लेकर चलने वाले वाहनों पर इनका असर नहीं होगा। अगर कोई वाहन निर्धारित समय से पहले डीरजिस्टर किया जाता है, तो उसके अनुसार आयु-आधारित रिफंड की व्यवस्था भी की गई है। पिछले साल सितंबर में राज्य सरकार ने ईवी नीति के तहत ₹25 लाख से कम कीमत वाले वाहनों को टैक्स छूट देने की योजना बनाई थी, जिससे साफ संकेत मिलता है कि अब सरकार सब्सिडी के साथ-साथ राजस्व संतुलन की दिशा में भी काम कर रही है।