
सस्टेनेबल लॉन्ग-ड्यूरेशन एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशंस की अग्रणी कंपनी VFlowTech ने भारत में अपने विस्तार और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करने के लिए $20.5 मिलियन (लगभग ₹170 करोड़) की पूंजी जुटाई है। इस फंडिंग के जरिए कंपनी अपनी मौजूदा 100 MWh की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को एक गीगाफैक्ट्री में बदलने की योजना बना रही है, ताकि Vanadium Redox Flow Batteries (VRFB) को भारत में तेजी से बढ़ते नवीकरणीय ऊर्जा बाजार में उतारा जा सके।
इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Granite Asia ने किया, जिसमें Antares Ventures, EDBI, MOL PLUS, PSA Ventures और अन्य प्रमुख निवेशकों ने भाग लिया। मौजूदा निवेशक जैसे İnci Holding, UntroD Capital, Wavemaker Partners और SEEDS Capital ने भी सहयोग किया।
वीफ्लो टेक की VRFB तकनीक लंबी आयु (25+ वर्ष), गहरी डिस्चार्ज क्षमता और उच्च सुरक्षा प्रदान करती है, जिससे यह लिथियम-आधारित बैटरियों के लिए एक बेहतर विकल्प बनती है। इसके अलावा, कंपनी की AI-संचालित क्लाउड एनर्जी मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म ऊर्जा अनुकूलन, ग्रिड सेवाओं और एनर्जी ट्रेडिंग को संभव बनाती है।
वीफ्लो टेक (VFlowTech) के को-फाउंडर और सीईओ डॉ. अविषेक कुमार ने कहा,"यह निवेश सिर्फ तकनीक को भारत लाने का नहीं, बल्कि यहां की ऊर्जा संरचना को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने का प्रयास है। हम भारतीय ग्रिड की आवश्यकताओं के अनुसार घरेलू BESS सिस्टम्स विकसित करेंगे और स्थानीय प्रतिभा को रोजगार देंगे।"
वीफ्लो टेक अब 1 GWh तक की VRFB सिस्टम डिप्लॉयमेंट के लिए भारत में रिन्युएबल डेवलपर्स और इंडस्ट्रियल ग्राहकों के साथ उन्नत बातचीत कर रही है। साथ ही कंपनी वेनैडियम रीसायक्लिंग और इलेक्ट्रोलाइट मैन्युफैक्चरिंग में नवाचार कर स्थानीय सप्लाई चेन को भी मजबूत करने की योजना बना रही है।
वीफ्लो टेक के CCO आनंद अनुपम ने कहा,"भारत में नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रिड स्थिरता की मांग को देखते हुए, हमारी लॉन्ग ड्यूरेशन स्टोरेज और AI इंटीग्रेटेड टेक्नोलॉजी भारत के 24x7 क्लीन पावर भविष्य के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।"
यह निवेश भारत में स्थायी एनर्जी स्टोरेज को बड़े पैमाने पर अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पंचामृत’ लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक सिद्ध हो सकता है, जिसका लक्ष्य 2030 तक 500 GW नॉन-फॉसिल फ्यूल आधारित क्षमता हासिल करना है।