
केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आईआईटी मद्रास के सहयोग से शिक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित इस अभूतपूर्व मंच का अनावरण किया। इस मंच को 27 फरवरी 2024 को नई दिल्ली में लॉन्च किया गया था। केंद्रीय शिक्षा व उद्यमिता और कौशल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, हमारी डीएनए में टेक्नोलाॅजी एडेप्टेबिलिटी है इसलिए आज हम डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में दुनिया की लीडिंग कंट्री यानी नेतृत्वकर्ता देश बन चुके हैं। स्वयम प्लस उस दिशा में हमारा कदम है। ग्लोबल डेवलपमेंट के बारे में नई और ताजा जानकारी लेना हो तो शिक्षा मंत्रालय की यूजीसी, एआईसीटी, एनसीबीटी, एनसीआरटी के डाॅक्यूमेंट समेत दीक्षा और स्वयम, ये दो पोर्टल भारत की नाॅलेज प्रदाता हों, इसके लिए हम लगातार प्रयासरत हैं।
Medvarsity के सीईओ गेराल्ड जयदीप ने बताया कि कैसे SWAYAM प्लस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध उनकी सामग्री मेडिकल छात्रों को कुछ आवश्यक कौशल सीखने में मदद करेगी। कंपनी ने प्लेटफॉर्म पर पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में 27 फरवरी 2024 को स्वयम प्लस के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस मौके पर उन्होंने कहा, "स्वयम प्लस एक बहुत ही रोमांचक मॉडल है, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शिक्षा मंत्रालय के नेतृत्व में स्थापित किया गया है। यह रोमांचक है क्योंकि यह न केवल उच्च शिक्षा खंडों के हिस्से के रूप में बड़े छात्रों को आकर्षित करता है, बल्कि उन छात्रों को भी आकर्षित करता है, जो कल बाहर के कार्यबल में योगदान करने जा रहे हैं। जब कल के ये युवा डॉक्टर स्वयम प्लस प्लेटफॉर्म पर हमारे पाठ्यक्रमों में आते हैं और विभिन्न पाठ्यक्रमों से गुजरते हैं तो वे पहले दिन से ही रोगियों के इलाज के लिए तैयार हो जाते हैं। पिछले 18 महीनों से हम आईआईटी मद्रास के साथ बहुत निकटता से काम कर रहे हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए हम भी इस स्वयम प्लस यात्रा का हिस्सा हैं, हम राष्ट्र के विकास में योगदान करने में सक्षम हैं इसलिए भविष्य के लिए हमारे युवाओं को सीखने की आवश्यकता है। स्वयम हमारे लिए जो ला सकता है, वह है अत्यधिक क्रेडिबल ब्रांड, अत्यधिक क्रेडिबल पोजिशनिंग और बाजार में पेश होने वाली सामग्री।"
औद्योगिक साझेदारों के साथ MoU का आदान-प्रदान
बीते 27 फरवरी को केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली में स्वयम प्लस प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया। इस मौके पर शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव के. संजय मूर्ति; यूजीसी के चेयरपर्सन प्रो. मामिडाला जगदीश कुमार; एनसीवीईटी के चेयरपर्सन डॉ. निर्मलजीत सिंह कलसी; नैसकॉम के चेयरपर्सन राजेश नांबियार; आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि; एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो. T.G. सीताराम; शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जयसवाल, अन्य शिक्षाविद और गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। लॉन्च इवेंट के दौरान स्वयम प्लस पर एक वीडियो दिखाया गया था। स्वयम प्लस पर इंडस्ट्री के पाठ्यक्रम लाॅन्च करने के लिए स्वयम प्लस और अपनाटाइम टेक प्राइवेट लिमिटेड, एलएंडटी एडुटेक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड, द जॉब प्लस एंड पीपुल्स नेटवर्क, वाधवानी फाउंडेशन (स्किल डेवलपमेंट नेटवर्क) मेडवर्सिटी ऑनलाइन लिमिटेड, स्मार्टब्रिज एजुकेशनल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, अनादी फाउंडेशन, 360डिजी टीएमजी और बलानी इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड समेत औद्योगिक साझेदारों के साथ MoU का आदान-प्रदान किया गया।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एनईपी 2020 के कार्यान्वयन के साथ, एक पूरी नई पीढ़ी को तैयार करना होगा। उन्होंने आने वाले 25 वर्षों के लिए रोडमैप तैयार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे भारत में एसटीईएम शिक्षा में महिलाओं का नामांकन दुनिया में सबसे अधिक हो गया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कार्यरत पेशेवर स्वयम मंच में भाग लेंगे और इसका उपयोग एक वाहन के रूप में करेंगे और एनईपी-2020 के बहु-प्रवेश-बहु-निकास का लाभ उठाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह मंच उच्च शिक्षा के छात्रों और कामकाजी पेशेवरों के 43 मिलियन छात्रों को जोड़कर कक्षा के दायरे का विस्तार करेगा।
भविष्य के पाठ्यक्रम तैयार करने की आवश्यकता
प्रधान ने कहा कि देश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए उद्योगों को सेमी-कंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे भविष्य के पाठ्यक्रम तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्वयम प्लस के साथ अनुप्रयुक्त शिक्षा, रोजगार योग्यता, उद्यमिता, रोजगार केंद्रित और व्यावहारिक प्रशिक्षण इस दिशा में एक कदम है। प्रधान ने कहा कि विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रत्येक छात्र को सशक्त बनाने की जरूरत है। इसके लिए जरूरी है कि पाठ्यक्रम स्थानीय भाषाओं में हों, क्योंकि नवाचार की कोई भाषा नहीं होती।
उन्होंने जोर देकर कहा कि एसटीईएम शिक्षा से परे, संगीत, चित्रकला, रचनात्मक कला, मानविकी और उदार कला से जुड़े पाठ्यक्रमों को हमारे युवाओं में सर्वांगीण विकास लाने के लिए मंच का हिस्सा होना चाहिए। के. संजय मूर्ति ने अपने संबोधन में उद्योग जगत के दिग्गजों और विश्वविद्यालयों व संस्थानों के विषय-विशेषज्ञों से अलग-अलग पाठ्यक्रमों में योगदान करने का आग्रह किया, जिन्हें आईआईटी मद्रास द्वारा प्रमाणित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई संस्थागत तंत्र होंगे, जो आवश्यकता-आधारित और समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए इस प्रकार के प्रस्तावों की जांच करेंगे। मूर्ति ने यह भी बताया कि सारी सामग्री देश की 12 प्रमुख भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी। प्रो. T.G. सीताराम; प्रो. एम. जगदीश कुमार; डॉ. निर्मलजीत सिंह कलसी; राजेश नांबियार; प्रो. वी. कामकोटि; और के. संजय मूर्ति ने भी 'छात्रों और शिक्षार्थियों की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए स्वयम प्लस की भूमिका' शीर्षक वाले सत्र में अपनी अंतर्दृष्टि साझा की।
बड़ी संख्या में शिक्षार्थियों के लिए शैक्षिक अवसर
कार्यक्रम के दौरान 'स्वयम से स्वयम प्लस तक-डिजिटल इंडिया स्टोरी में शामिल हों (प्रस्तुति और सवाल-जवाब)' और 'सतत उद्योग-शिक्षाविदों को बढ़ावा देने में स्वयम प्लस की भूमिका' पर दो और सत्र आयोजित किए गए। स्वयम, विशाल मुक्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम (एमओओसी) मंच, जो बड़ी संख्या में शिक्षार्थियों के लिए शैक्षिक अवसर प्रदान करता है, शिक्षा मंत्रालय द्वारा 2017 में शुरू किया गया था। एनईपी-2020 के साथ संरेखण में, स्वयम प्लस मंच में अब उद्योग की जरूरतों का समर्थन करने वाले पाठ्यक्रम शामिल होंगे, जो शिक्षार्थियों की रोजगार क्षमता को बढ़ाते हैं। एलएंडटी, माइक्रोसॉफ्ट, सिस्को जैसे उद्योग के दिग्गजों के सहयोग से विकसित, स्वयम प्लस में बहुभाषी सामग्री, एआई-सक्षम मार्गदर्शन, क्रेडिट मान्यता और रोजगार के मार्ग जैसे अभिनव तत्व हैं।
स्वयम प्लस मुख्य रूप से निम्नलिखित को प्राप्त करने पर केंद्रित हैः शिक्षार्थियों, पाठ्यक्रम प्रदाताओं, उद्योग, शिक्षाविदों और रणनीतिक भागीदारों सहित पेशेवर और कैरियर विकास में सभी हितधारकों के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण; एक ऐसे तंत्र को सक्षम करना, जो सर्वश्रेष्ठ उद्योग और शिक्षाविदों के भागीदारों द्वारा प्रदान किए जाने वाले उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणपत्रों और पाठ्यक्रमों के लिए क्रेडिट मान्यता प्रदान करता है; टियर 2 और 3 कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षार्थियों तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, देश भर में सीखने के लिए एक बड़े शिक्षार्थी आधार तक पहुंचना और स्थानीय भाषाओं में संसाधनों के माध्यम से सीखने के विकल्पों के साथ चुने हुए विषयों में शिक्षार्थी की जरूरतों के आधार पर रोजगार केंद्रित पाठ्यक्रम प्रदान करना। स्वयम प्लस में मूल्य वर्धित सेवा के रूप में मेंटरशिप, छात्रवृत्ति और नौकरी प्लेसमेंट जैसी सुविधाओं को लाने की भी परिकल्पना की गई है।