ईंधन की बढ़ती कीमतों ने पारंपरिक बाइक्स से ई-बाइक्स की ओर मांग को मोड़ दिया है, जो बेहतर दीर्घकालिक निवेश संभावनाएं प्रदान करती हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग से बैटरी स्वैपिंग बाजार को लाभ होगा।
पूर्व नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के अनुसार, हाल ही में 6,000 इलेक्ट्रिक बसों के लिए जारी निविदा ने दिखाया कि ये बसें पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन (ICE) बसों की तुलना में परिचालन लागत में लगभग 13 से 14 प्रतिशत सस्ती है।
ईवी उद्योग के आंकड़ों के अनुसार भारत में पिछले दो वर्षों में पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों में 640 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो अब कुल 12,146 स्टेशनों तक पहुंच गई है।
मोंट्रा इलेक्ट्रिक एससीवी का विकास चेन्नई के पोननेरी (Ponneri) प्लांट में व्यापक रिसर्च और टेस्टिंग का परिणाम है। यह वेंचर परिवहन क्षेत्र को नया रूप देने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।
कंपनी भारत में मैटिरियल रिफाइनिंग हब को बनाना चाहती हैं। यही कारण है कि कंपनी 2032 तक भारत में 50,000 मीट्रिक टन मैटिरियल का उत्पादन करना चाहती है और वह इस पर काम कर रही हैं।
IN-SPACe PIE प्रोग्राम का उद्देश्य युवा उद्यमियों में अंतरिक्ष क्षेत्र के प्रति रुचि विकसित करना, इनोवेशन और उद्यमिता को पहचानना और प्रोत्साहित करना, विचार को प्रोटोटाइप में बदलना और व्यवसायिक कौशल को विकसित करना है।
बैटरी स्वैपिंग बसों की शुरुआती लागत को 40 प्रतिशत तक कम कर देगी, जिससे यह पारंपरिक ICE (इंटरनल कम्बशन इंजन) बसों की शुरुआती लागत के बराबर हो जाएगी। स्मार्ट बैटरी टीएम टेक्नोलॉजी हल्के, मध्यम और भारी ट्रकों और बसों के लिए ठीक है, जिनका कुल वजन तीन टन से लेकर 55 टन तक होती है।
जेबीएम 200 इलेक्ट्रिक बसों की सप्लाई करेगी, जिसमें 150 उच्च-स्तरीय इलेक्ट्रिक लक्ज़री इंटरसिटी कोच और 50 ई-बसें शामिल हैं। ये बसें विभिन्न रूट्स पर चलने के लिए तैयार हैं, जिससे शहरों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
99 पैनकेक का लक्ष्य देश भर में अपने संचालन को बढ़ाना है। कंपनी वर्तमान वर्ष के अंत तक 50 नए आउटलेट खोलने और दिसंबर 2025 तक 200 आउटलेट्स खोलने की योजना बना रही है।
यह साझेदारी आईकेईए (IKEA) की भारत में अपने लास्ट माइल डिलीवरी फ्लीट को इलेक्ट्रिक बनाने की पहल का हिस्सा है।आईकेईए को पहले ही 10 इलेक्ट्रिक वैन की डिलीवरी हो चुकी है और भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इस फ्लीट को विस्तार देने की योजना है।
ज़िप ने एक फुल-स्टैक SaaS प्लेटफ़ॉर्म बनाया है, जिससे भारत के विभिन्न टियर 2 और टियर 3 बाजारों में फ्लीट ऑपरेटरों को अपने शहरों में ज़िप फ्रैंचाइज़ मॉडल लॉन्च करने का विकल्प मिल सके।
शेफील्ड स्कूल की देश के कई राज्यों में मजबूत पहचान है। यह व्यापक नेटवर्क स्कूल को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और देशभर के छात्रों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाता है।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने कहा कि वित्तीय अनुशासन तो जरूरी है, लेकिन छोटे और मझोले उद्योगों को कई खास समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें कम पूंजी, बड़े पैमाने की कमी, भुगतान में देरी से नकदी की कमी, बदलते बाजार के हालात, और बाहरी आर्थिक दबाव शामिल हैं।
श्रीलंका की आबादी करीब 2.2 करोड़ है और महंगाई ने वहा की जनता का दम तोड़ रखा है। रोजमर्रा की चीजे जैसे दूध, चीनी, चावल और ब्रेड के दामों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है और लोगों के लिए यह खरीदना भारी पढ़ रहा है।
एक स्टार्टअप डेटा ट्रैकर ‘Trackxn’ की बनाई हुई रिपोर्ट के अनुसार, 2006 से लेकर अब तक एडटेक में $9.86 बिलियन (लगभग 67,496 करोड़ रुपए) निवेश किए जा चुके हैं।
लोग फिट रहने और लंबे समय तक जीने के इच्छुक हैं, लेकिन जिम में घंटों खर्च करते हुए, दर्पण पर स्वयं को देखते हुए उन्हें ज्यादा दिलचस्पी नहीं होती है, इस प्रकार वे बाजार में इस नई चीज में विकल्पों की तलाश करते हैं और ठोकर खाते हैं।
यूपी सरकार ने बीते वर्ष ही एमएसएमई को शेयर बाजार में उतरने के लिए एनएसई और बीएसई के साथ करार किया था।इस से एमएसएमई क्षेत्र की कंपनियों को अपने उत्पाद वैश्विक बाजारों तक पहुंचाने में आसानी होगी।
आप केवल पीछे बैठकर और ग्राहकों के आने की प्रतीक्षा करके अपना व्यवसाय नहीं बढ़ा सकते। आपको वहां से बाहर निकलना होगा और अपने लिए अवसर पैदा करने होंगे। अपने व्यवसाय के लक्ष्यों को बढ़ाने और प्राप्त करने के लिए इन युक्तियों का पालन करें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) प्रत्येक 10,000 नागरिकों के लिए एक फिजियोथेरेपिस्ट को रेकमेंड करता है, लेकिन भारत में केवल 5,000 योग्य फिजियोथेरेपिस्ट हैं।
इस कोविड-19 तूफान से फूड और बेवरेज उद्योग विशेष रूप से कठिन हो गया है। इस महामारी से बचने के लिए ब्रांड को कड़े कदम उठाने होंगे। अधिक जानने के लिए आगे पढ़े।