
वेदांता लिमिटेड की कंपनी वेदांता एल्युमिनियम को एक खास तकनीक के लिए पेटेंट मिला है, जिससे एल्युमिनियम बनाने के दौरान निकलने वाले वेस्ट से 99% शुद्ध ग्रेफाइट निकाला जा सकता है। यह ग्रेफाइट बैटरी बनाने में काम आ सकता है, खासकर लिथियम-आयन बैटरी में।
यह तकनीक वेदांता ने CSIR-IMMT, भुवनेश्वर के साथ मिलकर बनाई है। इसमें एल्युमिनियम के उत्पादन के दौरान बचने वाले Spent Pot Lining (SPL) और Shot Blast Dust जैसे वेस्ट का उपयोग किया जाता है। इससे देश में ग्रेफाइट का घरेलू विकल्प मिल सकता है।
वेदांता एल्युमिनियम के CEO राजीव कुमार ने बताया कि यह तकनीक ऐसे समय पर आई है जब भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी स्टोरेज की मांग तेजी से बढ़ रही है। इससे देश को ग्रेफाइट के आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।
भारत ने साल 2024 में करीब 41 मिलियन डॉलर का ग्रेफाइट बाहर से मंगवाया था। अब वेदांता की यह तकनीक देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। वेदांता एल्युमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्युमिनियम बनाने वाली कंपनी है और इसे दुनिया में दूसरा सबसे टिकाऊ एल्युमिनियम उत्पादक भी माना गया है।