
मारुति सुजुकी इंडिया अब अपने उत्पादन प्लांट को फ्लेक्सिबल बना रही है ताकि एक ही फैक्ट्री से पेट्रोल, डीज़ल और इलेक्ट्रिक वाहनों समेत अधिक मॉडल्स का निर्माण किया जा सके। कंपनी का लक्ष्य है कि 2030-31 तक 20 लाख यूनिट्स की अतिरिक्त उत्पादन क्षमता जोड़ी जाए, और बाजार में कुल 28 मॉडल्स उपलब्ध कराए जाएं।
शुरुआत में कंपनी एक नया प्लांट शुरू करेगी जिसकी वार्षिक क्षमता 2.5 लाख यूनिट होगी और वहां सबसे पहले कॉम्पैक्ट SUV ब्रेज़ा का निर्माण होगा। इसके अलावा, सुजुकी मोटर गुजरात का मौजूदा प्लांट पहले से ही 7.5 लाख यूनिट्स प्रति वर्ष की उत्पादन क्षमता के साथ काम कर रहा है। कंपनी सितंबर 2025 में अपना पहला इलेक्ट्रिक वाहन e-Vitara लॉन्च करने जा रही है, जिसकी अधिकतर यूनिट्स का निर्यात किया जाएगा।
मारुति सुजुकी के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर राहुल भारती ने बताया कि ईवी का वजन ज्यादा होने और मजबूत बॉडी स्ट्रक्चर की जरूरत होने के कारण उत्पादन लाइन में बदलाव जरूरी है। उन्होंने यह भी माना कि इलेक्ट्रिक वाहनों की लाभप्रदता (प्रॉफिटेबिलिटी) पारंपरिक इंजन वाली कारों से काफी कम होती है, और यही कारण है कि सरकार को इस क्षेत्र में प्रोत्साहन योजनाएं और टैक्स छूट देनी पड़ती है।
कंपनी केवल ईवी पर निर्भर नहीं रहेगी, बल्कि डीकार्बोनाइजेशन के लिए हाइब्रिड, CNG और अन्य तकनीकों का भी सहारा लेगी। साथ ही, आगामी CAFE-III उत्सर्जन मानकों को लेकर उद्योग और सरकार के बीच बातचीत जारी है और नीति के अगले एक-दो महीनों में आने की उम्मीद है। कंपनी का मानना है कि निर्यात से उन्हें बेहतर स्केल और कुछ बाजारों में अधिक कीमत वसूलने की संभावना मिलेगी।