
फ्रैंचाइज़ी, निवेशकों के लिए जबरदस्त मौके लेकर एक क्षेत्र बन रहा है। विशेष रूप से भारत ने पिछले दशक में फ्रैंचाइज़ी इंडस्ट्री की तेजी से वृद्धि देखी है, वहीं कई अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड भी देश में आ चुके हैं।
यह प्रवृत्ति जारी है क्योंकि लोग खुले दिल से विदेशी खिलाड़ियों का स्वागत कर रहे हैं।
भारत में फ्रैंचाइज़ी इंडस्ट्री के धीमा होने के कोई संकेत नहीं हैं। यह इंडस्ट्री 2017 और 2018 में अत्यधिक फायदेमंद साबित हुआ और आगे भी इसी तरह के परिणाम दिखाने के लिए तत्पर हैं।
फ्रैंचाइज़र आमतौर पर फ्रैंचाइज़ी व्यवसाय को अपने व्यक्तिगत कारणों के आधार पर चुनते हैं। लेकिन उन्हें इस इंडस्ट्री के साथ ओवरराइडिंग कारक के बारे में स्पष्ट होना चाहिए: जो पैसा है।
इसलिए, अगर आप इंडस्ट्री में कुछ बड़ा हासिल करने का सपना देखते हैं, तो ये धन-संबंधी सवाल आपको आसानी से सफल होने में मदद करेंगे।
फ्रैंचाइज़ी को चलाने के लिए कितना पैसा जरूरी होगा?
यह एक महत्वपूर्ण सवाल है जिसका जवाब हर फ्रैंचाइज़ी को पता होना चाहिए। हालांकि, यूनिफार्म फ्रैंचाइज़ी ऑफरिंग सर्कुलर (यूएफओसी) दस्तावेज पहले से ही इस सवाल का जटिल तरीके से जवाब देता है। इसलिए, मौजूदा फ्रैंचाइज़र के साथ एक संपूर्ण मार्केट रिसर्च और बातचीत आपको इस उत्तर के साथ मदद कर सकती है।
फ्रैंचाइज़ी की स्थापना करते समय कितना अतिरिक्त पैसा चाहिए?
यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जहां अधिकांश फ्रैंचाइज़र विफल हो जाते हैं। फ्रैंचाइज़र बनने के बाद, आपके व्यापार को अच्छे से चलने और मुनाफा कमाने तक के बीच थोड़ा वक़्त होता है। आपके पास निर्धारित बजट होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके पास पर्याप्त पैसे हैं जिससे आप मासिक आधार पर अपना व्यवसाय सही ढंग से चला सकें।
व्यापर को ब्रेक इवन पॉइंट तक पहुंचने में कितना समय लगेगा?
यह शायद सबसे महत्वपूर्ण धन से संबंधित सवालो में से एक है। किसी ऐसे व्यवसाय में अतिरिक्त धन निवेश करने का कोई मतलब नहीं है जो पहले से ही नुकसान में है, ऐसी गलती कई नए फ्रैंचाइज़रों तो करते देखा गया है।
हमेशा याद रखें कि ब्रेक इवन पॉइंट तक पहुंचने में सबसे लंबा समय लगेगा तो उसी अनुसार योजना बनाएं।