डेयरी फ्रैंचाइजी में निवेश क्यों लाभदायक हो सकता है

डेयरी फ्रैंचाइजी में निवेश क्यों लाभदायक हो सकता है

डेयरी फ्रैंचाइजी में निवेश क्यों लाभदायक हो सकता है
70 करोड़ के अनुमानित उद्योग आकार के साथ भारत, दूध और दूध के उत्पादों के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है।

भारत में विकास की कहानी बड़े पैमाने पर छोटे दूध उत्पादकों द्वारा चलित होती है। भारत का डेयरी बाज़ार पूरी दुनिया के सबसे बड़े और तेजी से बढ़ते बाज़ारों में से एक है। दूध उत्पादन, आपूर्ति श्रृंखला, प्रसंस्करण सुविधा और प्रतिगामी संयोजन में निजी क्षेत्र के बढ़ते निवेश से भारत के डेयरी उद्योग को और गति मिल रही है। आगे पढ़े कि डेयरी फ्रेंचाइजी में निवेश करना क्यों लाभदायक है|

बढ़ती मांग

ज्यादा उपभोक्ताओं, उच्च आय और पोषाहार में अधिक रूचि की वजह से आने वाले सालों में भारत में दूध उत्पादों की मांग उल्लेखनीय रूप से बढ़ने की संभावना है। विकासशील देशों में गुणवत्तापूर्ण दुध उत्पादों की मांग और उत्पादन दोनों ही बढ़ रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में संसाधित और पैक किए हुए दूध के उत्पादों का सेवन बढ़ता जा रहा है। निजी क्षेत्र से प्रतिस्पर्धा में वृद्धि की वजह से कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड बाज़ार में आ गए हैं और उपभोक्ताओं की गुणवत्ता की अपेक्षाओं को और बढ़ा दिया है।

स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती

स्वास्थ्यप्रद उत्पादों के लिए उपभोक्ताओं की मांग लगातार बढ़ती जा रही है और यह खर्च करने के पैटर्न में परिलक्षित होता है। हाल ही में हुए अध्ययन के अनुसार, 74 प्रतिशत उपभोक्ता उनके द्वारा खरीदे जाने वाले खाद्य पदार्थ के पोषक तत्वों पर बहुत ध्यान देते हैं। आज लोग किसी उत्पाद के स्वस्थ संस्करण के लिए 10 प्रतिशत ज्यादा अदा करने को तैयार है। संतृप्ति, प्रशिक्षण और वजन प्रबंधन के लिए प्रोटिन के बढ़ते उपयोग की वजह से इस प्रवृत्ति का फायदा उठाने के लिए डेयरी क्षेत्र अच्छी तरह से तैयार है। इसके अतिरिक्त ‘क्रियाशील आहार’ जिनमें विशिष्ट स्वास्थ्य लाभ होते है, के लिए मांग बढ़ती जा रही है। प्रोबायोटिक दही और कम कोलेस्ट्रोल वाले मक्खन जैसे उत्पादों के द्वारा डेयरी इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है।

अमूल की सफलता की कहानी

अमूल की सफलता का भारत के डेयरी उद्योग पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है। अमूल अब बिना किसी रॉयल्टीया आय में कोई भी हिस्सा लिए बिना फ्रेंचाइजी का प्रस्ताव देकर उद्यमियों के लिए रास्ता बना रहा है। हालांकि, इच्छुक व्यक्ति को दुकान स्थापित करने के लिए 1.5 लाख रूपये से 6 लाख रूपये तक का निवेश करना होगा। इन फ्रेंचाइजियों के द्वारा दुकान मालिक 5 लाख से 10 लाख रूपये तक कमा सकता है। यह न केवल आकांक्षी उद्यमियों को लाभप्रद व्यापारिक अवसर देगा बल्कि भारत के डेयरी क्षेत्र को भी बढ़ावा देगा।

सफल खाद्य खुदरा व्यापार के लिए सफलता के मंत्र, महत्वपूर्ण कारक, प्रचलन के बारे में आर.एस.सोढ़ी, प्रबंध निदेशक, जी.सी.एम.एम.एफ. (अमूल) यह कहते हैं:

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