
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मंडी के रिसर्चर्स ने एक ऐसा अनोखा तंत्र विकसित किया है जो यूरीन और रक्त के नमूनों में प्रोटीन मार्कर के स्तर को को मापकर गुर्दे के नुकसान के प्रारंभिक लक्षणों का पता लगाने में मददगार होगा।
इस जांच से यूरीन और रक्त में प्रोटीन अल्बुमिन की उपस्थिति का पता लगेगा। यह परिक्षण गुर्दे के रोग के साथ-साथ डायबिटीज से होने वाले रोगों जैसे विभिन्न स्वास्थ विकारों के प्रारंभिक संकेतों के रूप में काम आ सकता है।
फिलहाल, बाजार में यूरीन में अल्बुमिन का पता लगाने के लिए डिप्स्टिक टेस्ट उपलब्ध हैं।
आईआईटी मंडी के असिस्टेंट प्रोफेसर शुभाजीत रॉय चौधरी ने कहा, 'बाजार में मौजूद डिप्स्टिक यूरीन में प्रति डेसीलीटर में लगभग 30 माइक्रोग्राम तक की अल्बुमिन की सांद्रता (माइक्रोग्राम प्रति डेसी लीटर) का बिलकुल सही अनुमान लगा सकता है लेकिन हमारी तकनीक के माध्यम से कोई भी 3.3 माइक्रोग्राम प्रति डेसी लीटर तक नाप सकता है।'
मानव संसाधन विकास मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की यह संयुक्त परियोजना है जो शुरुआती दौर में कई स्वास्थ्य परेशानियों का पता लगाने में मदद पहुंचा सकती है।