
देश के प्रगतिशील परिणाम के लिए सरकार ने आयुष्मान भारत की पहल की है। यह भारत के स्वास्थ्य विषयों को जरूरत का समाधान है। इसने हेल्थकेयर के परिपेक्ष्य को उन्नत किया है और हमारें देश के वंचित या गरीब आबादी के लिए स्वास्थ्य संबंधी रास्ते खोले हैं। यह पहल गरीब और अमीर के बीच के अंतर को दूर करने का कार्य करता है।
हैल्थकेयर सिस्टम को मजबूत बनाकर हम अपने भविष्य के फलीभूत होने और उज्ज्वल होने की भविष्यवाणी कर सकते है। हमारा देश स्वस्थ बनें इसके लिए आवश्यक है कि लोगों को समय पर सही जांच करने का अवसर मिलें ताकि किसी गंभीर समस्या से समय रहते हुए निपटा जा सकें। उदाहरण के तौर पर, शुरूआती समय में ही ब्लड प्रैशर का सही इलाज शुरू हो जाएं तो लोगों को इससे होने वाली बहुत सी हृदय संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता हैं।
आयुष्मान भारत की पहल के साथ सरकार ने हमारें देश के कमियों को पूरा करने का प्रयास किया है।
यह हैल्थकेयर निम्न दो पहलूओं पर ध्यान केन्द्रित कराता है :
इसका पहला पहलू है - 1.5 लाख हैल्थ और वेलनेस सेंटर को खोलकर डायब्टीज, हायपरटेंशन, कैसर, हृदय संबंधी समस्या, फेफड़ों संबंधी समस्या आदि बीमारियां जो असंक्रामक होती हैं उनके लिए सेवाएं देना। इस पहल का मुख्य लक्ष्य है रोगी के घर के पास तक वेलनेस को लेकर जाना। इस योजना में रोगियों को मुफ्त में दवाइयां और इलाज प्रदान किया जाता है।
आयुष्मान भारत का दूसरा पहलू है- नेशनल हैल्थ प्रोटैक्शन स्कीम (NHPS), यह हर परिवार को हर साल 5 लाख रूपये का हैल्थ कवर प्रदान करता है जोकि अस्पताल में द्वितीय और तृतीय केयर सुविधाओं में भर्ती होने पर मिलेगा। इस एक्त के तहत 10 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों को लाभ मिलेगा जोकि करीब 50 करोड़ लोगों के लगभग है।
अंतर्दृष्टि
यह योजना पहले से ही मौजूद राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY) का विस्तृत रूप लग रही है जिसके कार्यक्रम में कुछ संशोधन किए गए है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना असफल हुई थी और बहुत से राज्यों में इसे बंद कर दिया गया था क्योंकि यह ठीक से कार्य नहीं कर पा रहा था।
आयुष्मान भारत के साथ हम महान संभावना को देखते है जिसे हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पेश किया है। यह आर्थिक रूप से कमजोर आबादी को स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करेगा। इसका अर्थ यह है कि लोग अब किफायती कीमतों पर दवाइयों को प्राप्त कर पाएंगे और उन्हें निजी व राज्य सुविधाओं से उचित देखभाल उपलब्ध होगी।
यह न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर के हैल्थकेयर के क्षेत्र में सबसे आशावादी और अग्रणी कदमों में से एक है। इसके सफलतापूर्वक कार्य करने के लिए इसे विभिन्न क्षेत्रों जैसे मैनेजमेंट, डिलीवरी चैनल, हैल्थेकयर निवेश और बहुत से अन्य क्षेत्रों में हस्तक्षेप की आवश्यकता है। यह कदम निःसंदेह स्वास्थ्य सेवाओं का उत्थान करेगा और इसके लाभ कई लोगों को मिलेंगे। इस पहल ने राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवा को कैशलैस और मोबाइल बना दिया है।
टिप्पणियां
आयुष्मान भारत के साथ सरकार हमारे देश में हैल्थ केयर इंडस्ट्री के चेहरे को बदलना चाहती है मगर इसमें अभी भी कुछ कारणों की वजह से संशोधन लाने की आवश्यकता हैंः
- आयुष्मान भारत की पहल में लोगों के प्राथमिक स्वास्थ्य चिंताओं को अनदेखा कर दिया है और केवल द्वितीय एवं तृतीय स्तर की आवश्यकताओं पर ध्यान केन्द्रित किया हुआ है।
- प्राथमिक आवश्यकताओं की उपेक्षा करने से रोग आगे चलकर लंबे समय बाद एक गंभीर बीमारी में बदल जाता है। इसलिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि इस पहल में कुछ और संशोधन लाए जाए।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्य करने में असफल रही है। आयुष्मान भारत भी उतनी दक्षता और प्रभावशीलता का दावा नहीं कर रहा।
- मुद्रास्फीति में वृद्धि के साथ सरकार को पूरी आबादी की आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए। इसलिए प्रस्तावित पहल से पूरे देश को लाभ होना चाहिए।
- इसके साथ-साथ, इस पहल से हैल्थ में निवेश में वृद्धि को बढ़ावा मिलता है और रोज़गार भी प्रचुर मात्रा में उत्पन्न होता है। यह देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है और यह समानता व जीडीपी को बढ़ाता है। अगर यह सही ढंग से सही दिशा में लागू होता है और अपने उद्देश्य को पूरा कर पाता है तो आयुष्मान भारत हैल्थ सैक्टर में निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
यह लेख डॉ. सार्थक बक्शी, सीईओ, इंटरनेश्नल फर्टिलिटी सेंटर द्वारा लिखित हैं।