सरकार ने 120 करोड़ रुपये के ड्रोन पीएलआई योजना को मंजूरी दी

सरकार ने 120 करोड़ रुपये के ड्रोन पीएलआई योजना को मंजूरी दी

सरकार ने 120 करोड़ रुपये के ड्रोन पीएलआई योजना को मंजूरी दी
नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) ने वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2025 के बीच ड्रोन और ड्रोन कॉम्पोनेन्ट बनाने वाली कंपनियों के लिए 120 करोड़ रुपये के निधि आवंटन की घोषणा की है।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) ने ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग और ड्रोन कॉम्पोनेन्ट कंपनियों के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना दिशानिर्देश जारी किए हैं।

स्वदेशी ड्रोन उद्योग की सहायता के लिए, एमओसीए ने वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2025 के बीच ड्रोन और ड्रोन कॉम्पोनेन्ट बनाने वाली कंपनियों के लिए 120 करोड़ रुपये के निधि आवंटन की घोषणा की है।  दिशानिर्देशों में परिभाषाएं, योग्यताएं, आवेदन योग्यता, ऑनलाइन पोर्टल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी (पीएमए) विवरण और बहुत कुछ शामिल हैं।

पीएलआई योजना भारत में पंजीकृत कंपनियों पर लागू होगी, जो देश में एक या एक से अधिक स्थानों पर ड्रोन और ड्रोन कॉम्पोनेन्ट बना रही हैं। इस योजना को पहली बार सितंबर 2021 में पेश किया गया था और यह ड्रोन मैन्युफैक्चरर और संबंधित सॉफ्टवेयर के मूल्यवर्धन पर 20 प्रतिशत प्रोत्साहन की पेशकश करेगी। 

मूल्यवर्धन शुद्ध बिक्री और ड्रोन कॉम्पोनेन्ट की खरीद लागत के बीच का अंतर है। अब तक, एमओसीए ने पीएलआई योजना के तहत लाभार्थियों के रूप में 12 ड्रोन मैन्यूफैक्चरर और 14 ड्रोन कॉम्पोनेन्ट मैन्युफैक्चरर की पहचान की है। ड्रोन नियम-2021 के जारी होने के बाद इस साल 2022 में यह योजना लाई गई है, जो पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क देने के उद्देश्य से तैयार की गई है।

पीएलआई योजना ड्रोन और ड्रोन कॉम्पोनेन्ट को ध्यान में रखकर तैयार की गई है,जैसे एयरफ्रेम, प्रणोदन(किसी वस्तु को गति देने के लिये लगाये गये बल का उत्पादन करने के साधन को कहते हैं।) प्रणाली (इंजन और इलेक्ट्रिक), पावर सिस्टम, बैटरी और संबंधित कॉम्पोनेन्ट, लॉन्च और रिकवरी सिस्टम, संचार प्रणाली, कैमरा, सेंसर, डिटेक्ट-एंड-अवॉइड सिस्टम आदि। इसमें ड्रोन और ड्रोन कॉम्पोनेन्ट के लिए सॉफ्टवेयर भी शामिल होंगे।

पीएलआई योजना ने आवेदन प्रक्रिया और नोडल एजेंसी को अधिसूचित किया, जो कंपनियों के कार्यान्वयन, आवेदन और पात्रता सत्यापन का प्रबंधन करेगी। इसके लिए सचिवों के अधिकार संपन्न समूह (ईजीओएस) को अधिसूचित किया गया है, जो योजना के तहत पात्र कंपनियों की समीक्षा, उनके निवेश, रोजगार सृजन, उत्पादन और मूल्यवर्धन को समझेंगे।

मंत्रालय ने प्रोत्साहन भुगतान शर्तों को भी रेखांकित किया है, जिसमें प्रोत्साहन का दावा करने की समय-सीमा, निर्धारित दस्तावेज, दावों की जांच, संवितरण समयरेखा व प्रपत्र, स्व-प्रमाणित तिमाही समीक्षा, विवाद निवारण और बहुत कुछ शामिल हैं।

 

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