
व्यवसाय को शुरू करना कठिन है बिना विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ी में फंसे हुए। किसी भी संस्थान के लिए धोखाधड़ी का प्रभाव बहुत नुकसानदेह साबित हो सकता है। इससे न सिर्फ महत्वपूर्ण आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ता है बल्कि इसके प्रकार और गंभीरता के आधार पर यह एक संस्थान को नष्ट भी कर सकता है।
फाइनेशियल/वित्तीय धोखाधड़ी क्या है?
फाइनेंशियल/वित्तीय धोखाधड़ी में व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य से जानबूझ कर किया गया कार्य जिसमें फाइनेंशियल लेनदेन शामिल होता है के तौर पर इसे परिभाषित किया जा सकता है। धोखोधड़ी एक अपराध है और यह सिविल लॉ का उल्लंघन भी है। बहुत से धोखाधड़ी के मामलों में जटिल फाइनेंशियल लेनदेन शामिल होते है जिन्हें ‘वाइट कॉलर क्रिमिनल‘ ़द्वारा किया जाता है जैसे बिजनेस प्रोफेशनल जिनके पास विशेषज्ञता का ज्ञान होता है और आपराधिक इरादे के साथ वे इसे करते हैं।
फाइनेंशियल धोखाधड़ी के प्रकार
- गबन
- आंतरिक चोरी
- स्किमिंग
- टैक्स घोटाले
- पहचान की धोखाधड़ी
- फिशिंग
आप कैसे फाइनेंशियल घोटालों से बच सकते है?
फाइनेंशियल धोखाधड़ी के मामलों को कम करने के लिए निम्न पांच बिंदुओं का पालन करेंः
- अपने प्रदर्शन को सीमित करेंः
शिकागो स्थित सिक्योरिटी विश्लेषक एन्ड्रयू स्टोलटमन्न के अनुसार, घोटालों से बचने के लिए विविधता सबसे अच्छा और मौलिक तरीका है। अपने व्यवसाय को कम निवेश के साथ शुरू करना सबसे अच्छा विकल्प है। किसी एक निवेश में 5 प्रतिशत से अधिक संपत्ति रखने से पहले दो बार सोचना उचित रहता है।
- पृष्ठभूमि की जांच करेंः
कोई भी निर्णय को लेने से पहले पिछले दोष, लंबित जांच या मुकदमों और सत्यापित वैध पंजीकरण की जांच कर लें। भारत में स्थित फर्मों और सलाहकारों के लिए शुरूआती बिंदु के रूप में अधिक जानकारी के लिए सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (एसईबीआई) और फॉवर्ड मार्केट्स कमीशन (भारत) (एफएमसी) की जांच करें। दलालों पर उचित जांच करने के लिए एक सरल गूगल सर्च सबसे अच्छा तरीका है।
- व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित करें :
आपका भाग्य आपके यूज़र आईडी, पासवर्ड ओर पिन नंबरों से बहुत करीब से जुड़ा हुआ है। यह जानकारी का प्रयोग आपको बैंक और निवेश से पैसे प्राप्त करने की अनुमति देता है। ऐसी सभी जानकारियों को गुप्त और सुरक्षित रखें। समय-समय पर अपने पासवर्ड और पिन नंबर को बदलें। कभी भी अपनी संवेदनशील वित्तीय जानकारी को किसी व्यक्ति या व्यवसाय को न बताएं जिसे आप नहीं जानते है। घोटाले करने वाले कई बार आपको ईमेल या कॉल करते है और इस बात का दावा करते है कि वे किसी रिटेल व्यवसाय, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट या सरकारी एजेंसी से है और ये आपको अपनी फाइनेंशियल जानकारी जैसे क्रेडिट कार्ड, बैंक अकाउंट नंबंर आदि की जानकारी मांगते है। इस बात को याद रखें कि आपका बैंक, क्रेडिट कार्ड कंपनी या कई अन्य रिटेल व्यवसाय आपसे कभी भी आपकी व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगेगा। अगर आप कोई ऐसा संदेहात्मक कॉल या ईमेल प्राप्त करें और अपने अकाउंट के प्रति चिंतित है तो कंपनी या बैंक में सीधे कॉल करें और अपने अकाउंट का स्टेटस की जांच कर लें।
- अपने पीसी को बचाएंः
वर्तमान में बहुत से ट्रांजैक्शन कम्यूटर द्वारा किए जाते है इसलिए अपने सॉफ्टवेयर और वायरस प्रोटैक्शन को ठीक रखें। ये आपको साइबर क्राइम जैसे फिशिंग का पीड़ित होने के खतरे को कम करेगा।
ऑनलाइन बैंकिंग, ट्रेडिंग और लेनेदेन के विकास के साथ इंटरनेट, धोखाधड़ी करने वालों का एक लोकप्रिय मैदान बन गया है। दि एंटीफिशिंग वर्किंग ग्रुप (एपीडब्लूजी) इस बात की सलाह देते है कि कैसे अपने कंप्यूटर को फिशिंग और अन्य कंप्यूटर के अपराध के प्रकारों से बचाव करें। यहां पर कुछ टिप्स दिए गए हैं जो आपके ऑनलाइन सुरक्षा की मदद करेंगेः
- हायपरलिंक्स पर क्लिक न करें।
- ऐसे पासवर्ड को प्रयोग करें जिन्हें ब्रेक कर पाना संभव न हो।
- अपने सोशल सिक्योरिटी का नंबर ईमेल या अपनी वेबसाइट पर न दें।
- कभी भी अनजान ऑनलाइन रिटेलर से शॉपिंग न करें।
- कभी भी पॉप-अप विंडो से सॉफ्टवेयर डाउनलोड न करें।
- किसी भी लिंक या अटैचमेंट को क्लिक न करें। साथ ही डाउनलोड पर क्लिक करने से पहले सावधानी से सोच लें।
- अपने निवेश पर नजर रखें :
ज्यादातर जो चीजें बढ़ती हैं जैसे की निवेश तो उसे नियमित रूप से देखभाल और ध्यान देने की आवश्यकता होती है। खासतौर पर व्यवसाय को शुरू करते समय यह सावाधानी रखन अति आवश्यक है। अपने लक्ष्य को पाने का अर्थ है अपने फंड पर नजर रखना और वह सभी कार्य करना जिससे आप उन पर निगरानी रख सकें। अपने हर महीने आने वाले बैंक स्टेटमेंट को ध्यान से जांच करें, किए गए निकासी को सत्यापित करें और अपने फंड में अत्यधिक या अनधिकृत ट्रेंडिंग की तलाश करें।