
भारत योग, आयुर्वेद और ऐसे अन्य भारतीय दवाओं की प्रणालियां जैसे शब्दों से पहले से ही परिचित है। लेकिन कारोबारी किसी के जीवन में स्वास्थ्य और वेलनेस के मापदंडों के बढ़ते आंकड़ों से उनके लाभों को उजागर करने की कोशिश कर रहे हैं।
प्राकृतिक उपचार
भारत में वेलनेस पर्यटन लगातार बढ़ रहा है। निवेशक अपने ऑफर या सेवाओं के साथ प्रयोग कर रहे है और उपचार को ज्यादा प्राकृतिक व प्रभावशाली बनाने का प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में, पर्यटन राज्य मंत्री केजी अल्फोंस ने इंटरनेशनल वेलनेस कॉनक्लेव 2018 का उद्घाटन नई दिल्ली में किया।
पर्यटन राज्य मंत्री केजे अल्फोंस ने कहा कि आयुर्वेद, योग और भारतीय दवाओं की प्रणाली में उत्कृष्ट उपचार की क्षमता है क्योंकि ये कैमिकल मुक्त है और ये कृत्रिम पदार्थों पर निर्भर नहीं करती। भारतीय दवाएं विश्व में अपनी शुद्धता और प्रमाणिकता के लिए जानी जाती हैं।
स्पा और वेलनेस इंडस्ट्री का उदय
अब स्पा और वेलनेस इंडस्ट्री किसी दूसरे ग्रह का विषय नहीं रह गए। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस सेग्मेंट का व्यवसाय बहुत से व्यवसाय और नौकरियों के अवसर लेकर आता है जो भविष्य में इंडस्ट्री में उछाल ला सकता है। इस वेलनेस कॉनक्लेव में विशेषज्ञ, होटल व्यवसायी, हेल्थ और वेलनेस पेशे वाले और भी बहुत से लोगों की इसमें भागीदारी देखी गई। जिसमें बाज़ार को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की संभावनाओं पर चर्चा की गई।
वेलनेस इंडस्ट्री की नई अवधारणा
नए उद्यमी वेलनेस इंडस्ट्री को नए तरीके से बढ़ावा दे रहे थे, वे इंडस्ट्री को सकारात्मक रूप में फिर से परिभाषित करने का प्रयास कर रहे थे। इस कॉन्क्लेव का आयोजन दो दिन तक चला जिसमें इस इंडस्ट्री के नए ट्रेंड और चुनौतियों के बारें में चर्चा की गई।
अल्फोंस ने पर्यटन मंत्रालय की हालिया विज्ञापन फिल्म 'योगी ऑफ दि रेसट्रैक' की भी चर्चा की, जिसे एक महीने में रिकॉर्ड तोड़ 75 मिलियन बार देखा गया।
पीएचडी चैम्बर्स के अध्यक्ष अनिल खेतान ने कहा, 'स्पा इंडस्ट्री लंबे समय से कार्य कर रही है। अब हमें आयुष (AYUSH) पर आधारित एक संपूर्ण वेलनेस सिस्टम की आवश्यकता है और उसका विकास करना है।'