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फ्रेंचाइज़ियों के लिए एक सफल फ्रेंचाइज़ सिस्टम लाभकारी हैं। फ्रेंचाइज़ी की सफलता फ्रेंचाइज़र की जिम्मेदारी होती है। फ्रेंचाइज़र को हर एक प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि उसकी फ्रेंचाइज़ी लाभकारी बन सकें।
शिक्षा के उद्देश्य संबंधी बहस कभी खत्म नहीं होती है। क्या हम युवाओं को शिक्षित कर तैयार करना चाहते है इस कार्यक्षेत्र में प्रवेश करने के लिए, या शिक्षा का उद्देश्य सामाजिक, अकादमिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक विकास पर ज्यादा केन्द्रित होना चाहिए ताकि ये छात्र बढ़े होकर बेहतर कार्य करने वाले नागरिक बन सकें? कोई भी अब केवल एक ही अकादमिक उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं हो सकता है क्योंकि ये तेजी से डिजिटल अर्थव्यवस्था में अनावश्यक या बेकार बन रहें है। राघव पोदार, चेयरमैन, पोदार वर्ल्ड स्कूल ने एजुकेशनबिज़ से प्रतिभावान लोगों को शिक्षण में लाने और स्कूल पाठ्यक्रम में आवश्यक बदलाव लाने के विषय पर बातचीत की। उन्होंने साथ ही स्कूल द्वारा ऐसे नियमों का पालन करने की बात भी साझा की जो छात्रों को सीखने का बेहतरीन अनुभव प्रदान करेगा। चलिए बात करते है उद्देश्य की राघव पोदार ने कहा, “शिक्षा का उद्देश्य है सीखना। हालांकि हमारे देश में शिक्षा की डॉमिनेंट संभ्यता और दुनिया के बहुत से देशों की शिक्षण पद्धति जांच का विषय बन गई है। जिसे बदलना बहुत आवश्यक है। वर्तमान में माता-पिता की दृष्टिकोण को बदलने की आवश्यकता है। वे इस बात को समझे कि बच्चें लर्निंग पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित करें टेस्टिंग या स्कोर से ज्यादा।“ इस विषय पर आगे उन्होंने कहा, “टेस्ट इसलिए लिए जाते है ताकि वे बच्चें की मजबूत और कमजोरी दोनों पहलूओं की पहचान कर सकें और उसका कार्य बच्चे पर लेबल लगाने का बिल्कुल भी नहीं है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव को लाया जाएं न कि मार्क्स की अंधी दौड़ में उन्हें शामिल किया जाएं। “ “भारत में राष्ट्र्रीय स्तर पर पाठ्यक्रम का कंटेंट अच्छा है। हालांकि हमें वर्तमान में बीमार रटने की लर्निंग की बजाय एप्पलीकेशन पर आधारित सोच को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। ऐसा कहना है राघव पोदार का। हमारें पास गूगल की मदद से सारी जानकारी अपनी उंगलियों पर है। 21वीं सदी की दुनिया की अर्थव्यवस्था अपको इस बात पर रिवार्ड देगी कि आप कैसे प्रभावशाली ढंग से अपने पास के ज्ञान का प्रयोग करते है और न कि आप किसी विषय के बारें में कितना जानते है। हमें जिस चीज का विकास करने की आवश्यकता है वह है सोचने की प्रक्रिया। हम किसी समस्या का कितना क्रिटिकली मूल्यांकन/विश्लेषण करते है और उसे कैसे हल करते है, इस बात पर ध्यान देना आवश्यक है। केवल उत्तर भर देने से कहीं ज्यादा क्रिटिकल विश्लेषण की सोच और उस समस्या को हल करना ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। एक परफैक्ट संतुलन सभ्यता और इनोवेशन के बीच के संतुलन पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “इनोवेश एक बज़्ज़ शब्द या चलन का शब्द बन गया है जिसके बारें में सभी बात करना चाहते है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस इनोवेशन से बच्चें को कैसे लाभ पहुंचाया जाएं। यह इनोवेशन तभी मूल्यवान या सार्थक है अगर इससे बच्चे की लर्निंग में सुधार आएं और साथ ही शिक्षक के अध्याय को डिलीवरी करने में भी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपकी सभ्यता ही आपका इनोवेशन है।“ हर रोज अपने स्कूल को चलाने में आपकी फिलॉस्फी और मूल्यों का प्रदर्शन ही सभ्यता है। सभ्यता के लिए अच्छी रणनीति चाहिए। अगर आपके पास अच्छी रणनीति है मगर आपके स्कूल की सभ्यता अच्छी नहीं है तो ऐसी रणनीति बेकार है। एक मददगार या प्रेरित करने वाली सभ्यता का निर्माण करें लर्निंग अपने आप आ जाएगी। बच्चे अपने आपका विकास कर पाएंगे। आपको सभ्यता पर फोकस करने की आवश्यकता है न कि फेंसी चलन भरे शब्दों की जिसमें वास्तविकता में कुछ भी नहीं होता है। सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को आकर्षित करना “मेरे लिए यह अब तक सबसे महत्वपूर्ण तत्व है जिसे हमें संबोधित करने की आवश्यकता है।“ ऐसा कहना है पोदार वर्ल्ड स्कूल के चेयरमैन का। उन्होंने आगे कहा, “सबसे महत्वपूर्ण चीज जो हमें सीखनी है वह है मनुष्य का आपस में जुड़ना। शिक्षक-छात्र के संबंध की ताकत उसके मूल के अंदर है। हमें इस संबंध को और मजबूत बनाने के पर ध्यान देना चाहिए। शिक्षक प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण है मगर उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है देश के सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को शिक्षण के क्षेत्र में आकर्षित करना। हमें अपने शिक्षण समूह या समाज के सम्मान का निर्माण करने की आवश्यकता है।“
ए लॉन्च किए गए आउटलेट ने विश्व स्तरीय सौंदर्य अनुभव, अंतरराष्ट्रीय सेवा मानकों और अत्याधुनिक रूप और उत्पादों के संदर्भ में ब्रांड प्रदान करने का वादा किया है।
लाइटहाउस लर्निंग के अंतर्गत प्री-स्कूल के तौर पर यूरोकिड्स इंटरनेशनल, कंगारु किड्स और मदर्स पेट किंडरगार्डन स्कूल्स चलाए जा रहे हैं। वहीं, उच्च शिक्षा के लिए यूरो स्कूल, बिलाबोंग हाई इंटरनेशनल स्कूल, सेंटर प्वाॅइंट स्कूल, हेरिटेज एक्सपेरिएंसियल लर्निंग स्कूल और हेरिटेज इंटरनेशनल एक्सपेरिएंसियल स्कूल चलाए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करके, यह पाठ्यक्रम डिजिटल युग के अनुकूल होने के लिए उनकी क्षमता को बढ़ाएगा और पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणालियों को अनुकूलित करेगा।
इस साझेदारी के तहत, टेरा चार्ज बीवाईपीएल के साथ मिलकर दिल्ली नगर निगम द्वारा साइटों पर ईवी चार्जर स्थापित करके और उनका रखरखाव करके दिल्ली भर में सार्वजनिक ईवी चार्जिंग हब का एक नेटवर्क तैयार करेगा।
एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा में बीते दिनों एआईसीटीई के साथ साझेदारी में एनसीआईआईपीसी की एक पहल 48 घंटे तक चलने वाले 'पेंटाथन 2024' के ग्रैंड फिनाले का उद्घाटन किया गया।
वर्तमान में ऐतिहासिक परंपरागत योग अभ्यास से ज्यादा और कुछ चलन में हो ही नहीं सकता हैं। कई दशकों तक परंपरागत योग अभ्यास ने अपने आपको खींचा ताकि वे जितना संभव हो लोगों को आकर्षित कर सकें। हालांकि ये कुछ अनोखे फिटनेस चलन से अवश्य प्रभावित हुआ है। योग स्वास्थ्य, वेलनेस और फिटनेस के वर्तमान चलन को लगातार पकड़े हुए है। नीचे ऐसे ही कुछ ऑॅफबीट और योग के मस्ती भरे चलन के बारें में चर्चा हैं जोकि 2018 में उभरे हैं। ऐरियल योग 2018 में एरियल योग सबसे बड़ा चलन बनकर आया है। ऐरियल योग फ्लोर आधारित योग से बहुत सी अवस्थाओं का प्रयोग करता है मगर ये हैमक का प्रयोग करता है। हैमक एक पट्टे या एक ब्लॉक की तरह होता है जोकि शरीर का सहारा देता है। ये संतुलन बनाने में मदद करता है और मजबूती प्रदान करने का अभ्यास देता है। यह संतुलन के साथ-साथ लचीलापन और ताकत को सुधारता है और यह आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। ऐरियल योग रीढ को फैलाता है और उसका विस्तार करता है, दिमाग को शांत करता है और सर्तकता को बढ़ाता है। एनिमल योग गोट योग का अभ्यास सामान्यतौर पर फार्म में किया जाता है। इसमें नाइजीयिन बौनी बकरियों को योगियों के आसपास छोड़ दिया जाता है तब जब वे अपने व्यायाम का अभ्यास कर रहें होते है। गोट योग वास्तव में तनाव को कम करने वाला है। गोट योग के चलन के सफल होने के बाद से ही योग स्टूडियों अपने पशु योग अवधारणा को बनाने के लिए तरीके खोज रहें हैं। डॉग योग भी लोगों को अपने कुत्तों के साथ आपसी संबंध और प्यार को बढ़ाता है । वहीं दूसरी ओर, कैट योग में योग स्टूडियों को बिल्लियां से भर दिया जाता है और उन्हें स्वतंत्र घुमने के लिए छोड़ दिया जाता हैं। इन पशुओं की उपस्थिति अच्छा महसूस कराने वाले हार्मान का निर्माण करता है, कुंठा को कम करता है और अकेलेपन को कम करता है। रूफटॉप योग वर्तमान में बहुत से लोग योग की ओर आकर्षित हो रहें है मगर वे इसे स्टूडियों से बाहर करना चाहते हैं। पहले बीच योग का चलन हुआ करता था मगर इसके सामने बहुत सी चुनौतियां थी। तो यदि आप बाहर खुले में योग अभ्यास करना चाहते है और बाहर का नजारा देखना चाहते है तो रूफटॉप योग आपकी समस्याओं का समाधान है। रूफटॉप योग की लोकप्रियता बहुत अधिक है, विशेषतौर पर शहरों में जहां पर छते तो बड़ी -बड़ी है मगर बाहर ग्रीन स्पेस नहीं होता है। बहुत से योग स्टूडियों होटलों और इमारतों के मालिकों से बात कर रहें है ताकि वे अपने छात्रों को ये अनोखा अनुभव दे सकें। पोल योग युवाओं में पोल योग वर्तमान का एक फिटनेस चलन है जो बहुत प्रचलित हो रहा है। इसमें योग की ताकत और पोल डांसर की एथलेटिस्म का मिश्रण है। इसका संबंध सशक्तिकरण और शरीर के प्रति सकारात्मक रवैये से है। ये आपके कोर की ताकत और लचीलेपन को बनाने में मदद करता है। बहुत से सेलिब्रिटी जैसे जैक्लीन फरनांन्डिस और वरूण धवन पोल योग का लाभ उठा रहें है। टैनट्रम योग टैनट्रम योग योग का एक नया चलन है जिसमें वयस्कों को अपने भीतर के बच्चे को बाहर निकालने का अवसर मिलता हैं और झुंझलाहट व गुस्से को स्वस्थ तरीके से बाहर निकालने में मदद करता है। ये योगियों को चिल्लाने और चीखने के लिए प्रेरित करते है ताकि वे स्वस्थ महसूस कर सकें। इसका लक्ष्य है कि कक्षा के खत्म होने पर लोग खुश और रिलैक्स होकर होकर निकलें। इसका अभ्यास करने वालों को अपने गुस्से को बाहर निकालकर उनके तनाव को बाहर निकालता है। कुंडलिनी कुंडलिनी एक प्रकार का योग है जोकि 2018 से धूम मचा रहा है। कुंडलिनी योग आध्यात्मिक और शारीरिक अभ्यास का मिश्रण है। इसमें गतिविधियां, अनोखे शारीरिक पॉश्चर, सांस लेने की तकनीक, ध्यान, स्ट्रैचिंग और मंत्रों को उच्चारण होता हैं। इस गतिविधि से ग्लैंडूलर सिस्टम सक्रिय होता है, नर्वस सिस्टम मजबूत होता है और फेफड़ों की क्षमता का विस्तार होता है और रक्त साफ होता है। इस योग का मुख्य लक्ष्य है शारीरिक ताकत और सर्तकता में वृद्धि करना।
भारत सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास के लिए निरंतर समर्थन प्रदान किया है। 9.4 लाख इलेक्ट्रिक वाहन अब भारत की सड़कों पर है। बैटरी विकास और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग का समर्थन करने में पीएलआई योजना के परिणाम दूसरों पर हमारी निर्भरता को कम कर रहे हैं और हमें आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
स्विच IeV 4, स्विच IeV सीरीज का एक वेरिएंट, जो इलेक्ट्रिक लाइट कमर्शियल वाहन (e-LCV) है। इसमें 32.2 केडब्ल्यूएच की बैटरी है, यह एक विशाल कार्गो क्षेत्र प्रदान करता है और 120 किमी की रेंज देता है।
समय के साथ विदेशों में अध्ययन करने वाले छात्रों की संख्या बढ़ी है। हालांकि, विदेश जाने को लेकर छात्रों की समस्याएं भी पहले के मुकाबले ज्यादा देखने को मिल रही हैं। ऐसे में कई एडटेक संस्थान छात्रों की मदद कर रहे हैं।
युलु ने पिछले वर्ष के दौरान अपने राजस्व में लगभग पांच गुना की वृद्धि देखी है और नई पूंजी उसे अपनी विकास की लय को बनाए रखने में सक्षम बनाएगी और बाजार नेतृत्व को मजबूत करेगी।